Class 10 Civics Chapter 1 Notes In Hindi | लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 10 अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी

क्या आप कक्षा 10वीं के विद्यार्थी हैं और आप class 10 civics chapter 1 notes in hindi में महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर के तलाश में है ? क्योंकि यह अध्याय परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है | इस अध्याय से काफी प्रश्न परीक्षा में आ चुके हैं | जिसके कारण इस अध्याय का प्रश्न उत्तर जानना काफी जरूरी है|

तो विद्यार्थी इस लेख को पढ़ने के बाद आप इस अध्याय से काफी अंक परीक्षा में प्राप्त कर लेंगे ,क्योंकि इसमें सारी परीक्षा से संबंधित प्रश्नों का विवरण किया गया है तो इसे पूरा अवश्य पढ़ें |

Class 10 Civics Chapter 1 Notes In Hindi | लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 10 अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी

कक्षा | Class10th
अध्याय | Chapter01
अध्याय का नाम | Chapter Nameसत्ता की साझेदारी
बोर्ड | Boardसभी हिंदी बोर्ड
किताब | Book एनसीईआरटी | NCERT
विषय | Subjectलोकतांत्रिक राजनीति | Civics
मध्यम | Medium हिंदी | HINDI
अध्ययन सामग्री | Study Materialsप्रश्न उत्तर | Question answer

Class 10 Civics Chapter 1 Notes In Hindi | लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 10 अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी

Class 10 Civics Chapter 1 Notes In Hindi
Class 10 Civics Chapter 1 Notes In Hindi

अति लघु उत्तरीय प्रश्न | Very short answer type question

1 एथनीक या जातीय से आपका क्या तात्पर्य है ?

उत्तर- सामाजिक विभाजन जिसमें हर समूह अपनी-अपनी संस्कृति को अलग मानता है यानी यह साझी संस्कृति पर आधारित सामाजिक विभाजन है। किसी भी जातीय समूह के सभी सदस्य मानते हैं कि उनकी उत्पत्ति समान पूर्वजों से हुई है और इसी कारण उनकी शारीरिक बनावट और संस्कृति एक जैसी है। जरूरी नहीं कि ऐसे समूह के सदस्य किसी एक धर्म के मानने वाले हों या उनकी राष्ट्रीयता एक हो ।

2 सत्ता की साझेदारी से आपका क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर-जब देश की सत्ता में देश के अन्दर रहने वाले सभी वर्गों को हिस्सेदार बनाया जाता है तो इस व्यवस्था को सत्ता की साझेदारी कहा जाता है। 

3 सत्ता की साझेदारी से क्या लाभ है ?

उत्तर – सत्ता की साझेदारी से देश में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को बेगानेपन का एहसास नहीं होता और सभी मिलजुल कर रह सकते हैं।

4 गृहयुद्ध किसे कहते हैं ?

उत्तर-जब एक ही देश में रहने वाले विभिन्न गुटों में आपसी संघर्ष और मार-काट शुरू हो जाती है तो ऐसी खानाजंगी को गृहयुद्ध का नाम दिया जाता है, जैसे श्रीलंका में तमिलों और सिंहली समुदाय में अभी तक गृहयुद्ध चल रहा है।

5 श्रीलंका में आपसी झगड़े का मुख्य कारण क्या है ?

उत्तर-श्रीलंका की जनसंख्या में 74% सिंहलियों का है जबकि 18% भाग तमिलों का है। वहीं की सरकार ने सिंहलियों के बहुसंख्यवाद को तमिलों पर थोपने प्रयत्न किया जो तमिलों को सहन न हो सका। ऐसे में वहाँ गृहयुद्ध शुरू हो गया जो आज तक शांत होने का नाम नहीं ले रहा।

6 युक्तिपरक कारण किसे कहा जाता है ?

उत्तर-युक्तिपरक कारण वे होते हैं जिन्हें कोई भी फैसला करते समय ध्यान में रखा जाता है ताकि सावधानीपूर्वक हिसाब लगाए बिना जल्दी में कोई गलत काम न हो जाए। युक्तिपरक कारण ही हमें हानि-लाभ को ध्यान में रखने के लिए प्रेरित करते हैं।

7 सामुदायिक सरकार से आपका क्या तात्पर्य है ? 

Ans: सामुदायिक सरकार ऐसी सरकार को कहते हैं जिसका चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं जैसे बेल्जियम में रहने वाले डच, फ्रेंच और जर्मन बोलने वाले समुदाय। ऐसी सरकार को संस्कृति, शिक्षा और भाषा जैसे मसलों

8 श्रीलंका की कुल आबादी में सिंहलियों और तमिलों की आबादी का क्या अनुपात है ? 

उत्तर- सिंहलियों की आबादी कोई 74% है जबकि तमिलों की कोई 18% 

9.बेल्जियम में मुख्य रूप से कौन-सी भाषाएँ बोली जाती थी? 

उत्तर- डच, फ्रेंच और जर्मन भाषाएँ ।

10. 1970 और 1993 के मध्य बेल्जियम के संविधान में चार बार संशोधन करने की क्यों आवश्यकता पड़ी ? 

उत्तर- ताकि देश में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को बेगानेपन का एहसास न हो और सभी आपस में मिलजुल कर रह सके।

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HistoryPolitical Science
EnglishHindi
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लघु उत्तरीय प्रश्न | Short answer type questions

1.भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ । अथवा लोकतंत्र की साझेदारी के पक्ष में कौन-से तर्क दिए जाते हैं ? अथवा, सत्ता की साझेदारी के पक्ष में कौन-से तर्क दिए जाते हैं ? 

उत्तर- सत्ता की साझेदारी के पक्ष में दिए जाने वाले तर्क- बहुत से राजनीतिज्ञों ने सत्ता की साझेदारी के पक्ष में अनेक तर्क दिए हैं जिनमें से प्रमुख निम्नांकित हैं-

(क) युक्तिपरक कारण-युक्तिपरक कारण वे हैं जो बड़ी गहरी सोच पर आधारित होते हैं और जिन्हें लाभ-हानि को सामने रखकर अपनाया जाता है।

  • सत्ता की साझेदार विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है। 
  • यह पक्षपात का अंदेशा कम करती है। 
  • विभिन्न विविधताओं को अपने में समेट लेती है।
  • सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।

(ख) नैतिक कारण- कुछ लोगों ने नैतिक कारणों से भी सत्ता की साझेदारी का जोरदार समर्थन किया है।

  • सांझी सरकारों में सत्ता का विभाजन से सभी सरकार में हिस्सा लेने वाले राजनीतिक दलों से पूर्ण न्याय हो जाता है। 
  • अल्पसंख्यक लोगों की भी अवलेहना नहीं होती इसलिए उनके मन में कोई आक्रोश की भावना नहीं पनपती ।
  • शक्ति के विकेन्द्रीकरण से किसी भी सरकारी अंग- विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका से कोई अन्याय नहीं हो पाता और इस प्रकार केन्द्र और राज्यों में भी शांति का वातावरण बना रहता है।
  • सबकी राय से किए हुए निर्णय सबको मान्य होते हैं क्योंकि है सर्वसम्मत्ति से लिए हुए होते हैं।

2 बेल्जियम के समाज की जातीय बनावट की व्याख्या करें। 

Ans: बेल्जियम के समाज की जातीय बनावट बेल्जियम यूरोप का एक छोटास देश है जिसकी आबादी हरियाणा से भी आधी है। परन्तु इसके समाज की जातीय बनावट बड़ी जटिल है। इसमें रहने वाले 59% लोग डच भाषा बोलते है, 40% लोग फ्रेंच बोलते हैं और बाकी 1% लोग जर्मन बोलते हैं ऐसी

विविधता कई बार ‘सांस्कृतिक और राजनीतिक झगड़े का कारण बन जाती है, परन्तु बेल्जियम के लोगों ने एक नवीन प्रकार की शासन पद्धति अपना कर इन सांस्कृतिक विविधताओं एवं क्षेत्रीय अंतरों से होने वाले आपसी मतभेदों को दूर कर लिया। 

उन्होंने बार-बार संविधान में संशोधन इस विचार से किया कि किसी भी व्यक्ति को बेगानेपन का एहसास न हो और सभी मिल-जुल कर रह सके। सारा विश्व बेल्जियम की इस समझदारी की दाद देते हैं। के समाज की जातीय बनावट की व्याख्या करें।

3 श्रीलंका -श्रीलंका एक द्वीपीय देश है जो भारत के दक्षिणी तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसकी आबादी कोई दो करोड़ के लगभग है अर्थात् हरियाणा के बराबर । बेल्जियम की ही भाँति यहाँ भी कई जातीय समूहों के लोग रहते हैं। देश की आबादी का कोई 74% भाग सिंहलियों का है जबकि कोई 18% लोग तमिल हैं। 

बाकी भाग अन्य छोटे-छोटे जातीय समूहों जैसे- ईसाईयों और मुसलमानों का है। देश के उत्तर-पूर्वी भागों में तमिल लोग अधिक हैं जबकि देश के बाकी हिस्सों में सिंहली लोग बहुसंख्या में हैं। 

यदि श्रीलंका के लोग चाहते तो वे भी बेल्जियम की भाँति अपने जातीय मसले का कोई उचित हल निकाल सकते थे, परन्तु वहाँ बहुसंख्यक समुदाय अर्थात् सिंलियों ने अपने बहुसंख्यकवाद को दूसरों पर थोपने का प्रयत्न किया जिससे वहाँ गृह-युद्ध शुरू हो गया जो आज तक थमने का नाम नहीं ले रहा।

4 सत्ता की साझेदारी क्या है और इसके क्या-क्या लाभ हैं ? 

उतर- जब कोई देश प्रशासनिक व्यवस्था में सभी लोगों की भागीदारी बनाता है तो उसे सत्ता की साझेदारी की संज्ञा दी जाती है। ऐसी व्यवस्था के निःसंदेह अनेक लाभ हैं। 

(क) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र का मूलमंत्र है। जिसके बिना प्रजातंत्र की कल्पना ही नहीं की जा सकती।

(ख) जब देश के सभी लोगों को देश की प्रशासनिक व्यवस्था में भागीदार बनाया जाता है तो देश और मजबूत होता है। 

(ग) जब बिना भेद-भाव के सभी जातियों के हितों को ध्यान में रखा जाता है और उनकी भावनाओं का आदर किया जाता है तो किसी संघर्ष की सम्भावना नहीं रहती है और देश निरन्तर बिना किसी रुकावट के प्रगति

के पथ पर चलता रहता है। बेल्जियम ने सत्ता की साझेदारी की नीति को अपना कर न केवल एक ओर आपसी संघर्षों को दूर कर लिया है वरन् हर क्षेत्र में निरन्तर प्रगति करनी शुरू कर दी है।

5 सत्ता की साझेदारी क्यों जरूरी है ? स्पष्ट करें। 

उत्तर- सत्ता की साझेदारी जरूरी है इसके पक्ष में दो तर्क दिये जा सकते हैं- 

(क) सत्ता का बँटवारा होने से विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है। चूँकि सामाजिक टकराव आगे बढ़कर अक्सर हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है इसलिए हिस्सा दे देना राजनीतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छा है। 

(ख) सत्ता की साझेदारी दरअसल लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का ही होता है कि लोग इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत हैं, उनके बीच को बाँटा जाय और ये लोग ढर्रे से रहें। इसलिए वैध सरकार वही जिसमें अपनी अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था जुड़ते हैं।

6 श्रीलंका में सरकार की नीतियों ने सिंहली भाषी बहुसंख्यक का प्रभुत्व बना रखने का प्रयास किया।” क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? 

उत्तर- (क) 1948 ई० में श्रीलंका स्वतंत्र राष्ट्र बना। 1956 ई० में एक कानून बन गया जिसके तहत तमिल को दरकिनार करके सिंहली को राजभाषा घोषित कर दिया गया।

(ख) विश्वविद्यालयों एवं सरकारी नौकरियों ने सिंहलियों को प्राथमिकता देने के नीति भी अपनाई गई।

(ग) नए संविधान में यह प्रावधान भी किया गया कि सरकार बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देगी। 

(घ) श्रीलंकाई तमिलों को लगा कि संविधान और सरकार की नीतियाँ उन्हें समान राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर रही है। इसका परिणाम यह हुआ कि तमिल और सिंहली समुदायों के संबंध बिगड़ते चले गए।

7 बेल्जियम में डच भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ?

उत्तर-बेल्जियम में अल्पसंख्यक फ्रेंच भाषी लोग तुलनात्मक रूप से बहुसंख्यक डच भाषी लोगों से अधिक समृद्ध तथा शक्तिशाली थे। स्वाभाविक रूप से डच भाषी समुदाय इस स्थिति से नाराज था। डच भाषी लोग संख्या में अधिक थे परन्तु धन-समृद्धि के मामले में कमजोर थे। दोनों समुदायों के बीच तनाव का यही मूल कारण था।

परन्तु वेल्जियम में डच भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया। इस बात से सहमत नहीं हुआ जा सकता। क्योंकि-

(क) बेल्जियम में विभिन्न समूहों को सत्ता में भागीदार बनाते हुए राष्ट्रीय एकता का प्रयास किया गया। भाषाई विवाद को हल करने के लिए केन्द्रीय सरकार में सभी समूहों को समान प्रतिनिधित्व दिया गया। 

(ख) कुछ विशेष कानून तभी पारित हो सकते थे जब विभिन्न भाषा समूहों उस विषय पर सहमति हो। किसी एक भाषा विशेष को राजकीय भाषा नहीं में घोषित किया गया। अलग-अलग भाषा समूहों को अपनी सरकार बनाने का अवसर प्रदान किया गया।

(ग) इस सरकार को सामुदायिक सरकार कहा गया जो केन्द्र तथा राज्य के बाद तीसरे स्तर पर कार्य करती थी। इसे संस्कृति तथा भाषा संबंधी महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने के अधिकार प्रदान किए गए।

इन सभी प्रयासों के माध्यम से बेल्जियम में डच भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों के भाषाई विवाद को हल करने का प्रयास किया गया जो पूर्णतया सफल रहा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | Long answer type questions

1.आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं ? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें। अथवा, सत्ता की साझेदारी के किन्हीं चार रूपों की व्याख्या करें। 

उत्तर-आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके निम्नांकित हैं-

(क) सत्ता के बँटवारे का पहला रूप हमें सरकार के तीन अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में सत्ता के बँटवारे में मिलता है। जैसे- भारत के संविधान ने शक्ति का विभाजन विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में कर रखा है। शक्ति के ऐसे बँटवारे को क्षैतिज वितरण कहा जाता है।

(ख) सत्ता के बँटवारे का दूसरा रूप हमें सरकार के बीच विभिन्न स्तरों में सता के बँटवारे में मिलता है। सारे देश के लिए केन्द्रीय सरकार होती है, प्रांत या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकारें होती हैं। उच्चतर और निम्नस्तर की सरकारों के बीच सत्ता के इस बँटवारे को उर्ध्वाधर वितरण कहा जाता है। भारत के संविधान में केन्द्रीय और राज्य सरकारों की शक्तियों को अलग-अलग सूचियों में बाँट दिया गया है।

(ग) सत्ता का कई बार बँटवारा सामाजिक समूहों जैसे- भाषा समूहों और धार्मिक समूहों में भी कर दिया जाता है। बेल्जियम की सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक उत्तम उदाहरण है।

(घ) कई बार सत्ता का बँटवारा राजनीतिक दलों एवं दबाव समूहों में भी कर दिया जाता है। यदि अनेक पार्टियाँ मिलकर सरकार का निर्माण करती है। तो सत्ता का बँटवारा विभिन्न पार्टियों में कर दिया जाता है। कई बार इन पार्टियों में किसी विशेष विभाग के लिए होड़ भी लग जाती है। भारत में भी अब मिली-जुली सरकारों का बोलबाला होने लगा है। डेनमार्क में भी अनेक राजनीतिक दल हैं जो सत्ता का बँटवारा कर सरकार चलाते हैं।

2 बहुसंख्यकवाद क्या है ? इसमें क्या खामियाँ हैं ?

Ans : ऐसी राजनीतिक मान्यता जो इस बात पर जोर देती है कि बहुसंख्यक समुदाय अल्पसंख्यकों की अवहेलना कर सकता है, बहुसंख्यकवाद कहलाता है। परन्तु बहुसंख्यकवाद की यह धारणा अनेक प्रकार से गलत है और इसमें अपेक्ष खामियाँ हैं-

(क) इसमें पहली त्रुटि यह है कि बहुसंख्यक लोग अपनी भाषा को तो राजभाषा घोषित कर देते हैं और दूसरी भाषाओं को दरकिनार कर देते हैं।

(ख) ये विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में अपनी ही जाति के लोगों को प्राथमिकता देते हैं और दूसरों की अवहेलना कर देते हैं जैसा कि श्रीलंका में हो रहा है।

(ग) तीसरे, बहुसंख्यक लोग अपने ही धर्म को संरक्षण और बढ़ावा देते हैं और दूसरे धर्मों से सौतेला व्यवहार करते हैं। परन्तु इन सभी भेदभावपूर्ण कार्यों से देश में अशान्ति और संघर्ष का वातावरण कायम हो जाता है। अल्पसंख्यक लोग बेगानेपन का एहसास करने लगते हैं • और मरने-मारने को तैयार हो जाते हैं। 

वे कैसे और कब तक सह सकते हैं कि उन्हें राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखा जाए, नौकरियों में उनसे भेदभाव किया जाए और उनके हितों की अनदेखी की जाए। ऐसा सब कुछ श्रीलंका में हो रहा है। वहाँ सिंहली और तमिल समुदायों के सम्बन्ध इतने बिगड़ चुके हैं कि आए दिन मार-काट होती रहती है और गृहयुद्ध का सा वातावरण बना रहता है ये सब कुछ बहुसंख्यकवाद नीति का ही परिणाम है। 

3 बेल्जियम में अपनाए गए सत्ता-विभाजन के मॉडल की चार मुख्य विशेषताएँ बताएँ । अथवा, बेल्जियम में सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था के बारे में चर्चा करें।

उत्तर- बेल्जियम के सत्ता-विभाजन के मॉडल की मुख्य विशेषताएँ-

(क) संविधान में स्पष्ट रूप से इस बात की व्यवस्था की गई कि केंद्रीय सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या समान होगी। कुछ विशेष तभी बनाए जा सकते हैं जब दोनों भाषाई समुदाय के प्रतिनिधियों का बहुमत उसके पक्ष में हो। कोई एक समुदाय एकतरफा फैसला नहीं कर सकता। 

(ख) शासन की शक्तियों का विभाजन केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच स्पष्ट रूप से कर दिया गया है। किसी भी मामले में राज्य सरकारें केंद्रीय सरकार के अधीन नहीं है।

(ग) ब्रूसेल्स में अलग सरकार है जहाँ दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व हैं। 

(घ) बेल्जियम में केंद्रीय एवं राज्य सरकार के अतिरिक्त एक तीसरे स्तर की सरकार भी काम करती है, जिसे सामुदायिक सरकार के नाम से जाना जाता है। इस सरकार में प्रतिनिधियों का चुनाव अलग-अलग भाषा बोलने वाले समुदायों द्वारा होता है। यह सरकार संस्कृति, शिक्षा और भाषा जैसे मामलों में निर्णय करती है।

4 श्रीलंका में सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था के बारे में चर्चा करें। 

उत्तर – श्रीलंका में सिंहली बहुसंख्यक हैं तथा तमिल अल्पसंख्यक। श्रीलंका के सिंहली समुदाय ने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया तथा कई ऐसे कदम उठाए जिनसे अल्पसंख्यक तमिल समुदाय को सत्ता में उचित साझेदारी नहीं मिली और उनके हितों की हानि हुई। इनमें से कुछ निम्नांकित हैं- 

(क) तमिल भाषा की अवहेलना करते हुए सिंहली भाषा को देश की एकमात्र राजभाषा घोषित किया गया।

(ख) विश्वविद्यालयों तथा सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता दी गई।

(ग) बौद्ध धर्म को सरकारी संरक्षण दिया गया। 

उपर्युक्त असंतुलित सत्ता-विभाजन के परिणामस्वरूप श्रीलंका के तमिल समुदाय में तनाव फैला और दोनों समुदायों के बीच संबंध बिगड़ते चले गए।


FAQs

1 श्रीलंका में सत्ता की साझेदारी का क्या आधार है ?

उत्तर-बहुसंख्यवाद ।

2 श्रीलंका की राजधानी कहाँ है ?

उत्तर- कोलम्बो ।

3 भारत में किस प्रकार की शासन प्रणाली है ?

उत्तर- संसदीय । 

4 सत्ता के क्षैतिज वितरण से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर- क्षैतिज वितरण के अंतर्गत सरकार के विभिन्न अंगों जैसे- कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका में सत्ता का बँटवारा होता है। इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं।

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