Class 10 Civics Chapter 2 Notes In Hindi | लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 10 अध्याय 2 संघवाद

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तो विद्यार्थी इस लेख को पढ़ने के बाद आप इस अध्याय से काफी अंक परीक्षा में प्राप्त कर लेंगे ,क्योंकि इसमें सारी परीक्षा से संबंधित प्रश्नों का विवरण किया गया है तो इसे पूरा अवश्य पढ़ें |

Class 10 Civics Chapter 2 Notes In Hindi | लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 10 अध्याय 2 संघवाद

कक्षा | Class10th
अध्याय | Chapter02
अध्याय का नाम | Chapter Nameसंघवाद
बोर्ड | Boardसभी हिंदी बोर्ड
किताब | Book एनसीईआरटी | NCERT
विषय | Subjectलोकतांत्रिक राजनीति | Civics
मध्यम | Medium हिंदी | HINDI
अध्ययन सामग्री | Study Materialsप्रश्न उत्तर | Question answer

Class 10 Civics Chapter 2 Notes In Hindi | लोकतांत्रिक राजनीति कक्षा 10 अध्याय 2 संघवाद

Class 10 Civics Chapter 2 Notes In Hindi
Class 10 Civics Chapter 1 Notes In Hindi

अति लघु उत्तरीय प्रश्न | Very short answer type question

1 संघवाद क्या है ?

उत्तर- संघवाद सरकार की एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें सरकारी शक्तियों का विभाजन एक केन्द्रीय सत्ता और इसकी विभिन्न इकाईयों में होता है। 

2 भारत में संघात्मक सरकार है या एकात्मक ?

उत्तर-भारत संघात्मक और एकात्मक सरकारों का मिश्रण है। दिखाई देने में यह संघात्मक है, परन्तु वास्तव में एकात्मक है। 

3. कुछ देश के नाम बताएं जहां एकात्मक सरकार है। 

उत्तर- इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, चीन, जापान, उत्तर कोरिया और श्रीलंका में एकात्मक कुछ देशों के नाम लिखें जहाँ एकात्मक सरकारें हैं। प्रकार की सरकारें हैं।

4 कुछ देशों के नाम लिखें जहाँ संघात्मक सरकारें कायम हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, अर्जनटाइना बेल्जियर जर्मनी, स्विट्जरलैंड, आस्ट्रिया और भारत आदि । 

5 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कितना है ?

उत्तर- 5 फीसदी से भी कम है। 

6 भारतीय संघ में कितने स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान है ?

उत्तर-भारतीय संविधान द्वारा आरम्भ में दो स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया गया, संघ सरकार एवं राज्य सरकार। बाद में भारतीय संघीय ढाँचे में पंचायतों और नगरपालिकाओं के रूप में तीसरा स्तर भी जोड़ा गया। तीनों स्तरों की शासन व्यवस्थाओं के अपने अलग-अलग अधिकार क्षेत्र हैं।

7 भारत में संघ या केन्द्र और राज्यों में शक्ति का बँटवारा कैसे किया गया है? 

उत्तर-केन्द्र और राज्य सरकारों में विधायी शक्तियों का बँटवारा चार भागों या सूचियों में किया गया है जो इस प्रकार है-

(क) संघ या केन्द्रीय सूची, 

(ख) राज्य सूची,

(ग) समवर्ती सूची,

(घ) अवशिष्ट शक्तियाँ ।

8 संघ सूची से क्या तात्पर्य है इसमें कौन-कौन से विषय सम्मिलित है ? 

उत्तर- वह सूची जिसमें संघीय या केन्द्रीय सरकार के अधिकार क्षेत्र के विषय दे रखे हैं उसे संघ सूची कहते हैं। इस सूची में कोई 97 के लगभग विषय दे रखे हैं जिनमें से कुछ मुख्य हैं- प्रतिरक्षा, विदेशी मामले, मुद्रा, संचार, बँकिंग आदि हैं जो राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हैं।

9 राज्य सूची से क्या तात्पर्य है ? इसमें क्या-क्या विषय सम्मिलित है ? 

उत्तर- राज्यसूची में ऐसे कोई 66 विषय सम्मिलित हैं जो प्रांतीय एवं स्थानीय महत्व के हैं। इनमें से मुख्य विषय कृषि, सिंचाई, व्यापार, वाणिज्य एवं पुलिस आदि है। इन विषयों पर राज्य सरकारें ही कानून बना सकती है।

10 समवर्ती सूची से क्या तात्पर्य है? इसमें कौन-कौन से विषय सम्मिलित है? 

उत्तर- समवर्ती सूची ऐसे विषय दे रखे हैं जिनका सम्बन्ध दोनों केन्द्र और राज्य सरकारों से होता है। इन विषयों की गिनती कोई 47 के लगभग है जिनमें से मुख्य दीवानी एवं फौजदारी कानून, विवाह एवं तलाक, उत्तराधिकार, शिक्षा, वन, बिजली एवं श्रम संगठन आदि। इन विषयों पर दोनों तथा राज्यों की सरकारें कानून बना सकती है परन्तु विवाह के समय केन्द्र द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होगा। 

11 अवशिष्ट शक्तियाँ किन्हें कहा जाता है ?

उत्तर-संघ सूची में 97, राज्य सूची में 66 और समवती सूची में कोई 47 शासन • सम्बन्धी विषय हैं। परन्तु फिर भी कुछ विषय ऐसे हो सकते हैं जिनका समावेश इन सूचियों में न हो पाया हो, ऐसे अवशिष्ट या बचे हुए विषयों पर संविधान द्वारा कानून बनाने का अधिकार केवल केन्द्र सरकार को दिया गया है।

12 विकेन्द्रीकरण क्या होता है ?

उत्तर- विकेन्द्रीकरण ऐसी व्यवस्था है जिसके अनुसार निर्णय लेने का अधिकार आगे छोटी-छोटी इकाइयों में बाँट दिया जाता है। भारत में सत्ता की साझेदारी तीन स्तरों में बाँट दी गई हैं- केन्द्रीय स्तर, राज्य स्तर और स्थानीय स्तर ।

13 महापौर किसे कहते हैं ?

उत्तर- गाँवों में स्थानीय विषयों की देखभाल पंचायतें करती हैं वह कार्य शहरों में नगरपालिकाएँ और नगर निगमें करती हैं। छोटे नगरों के लिए नगरपालिकाएँ होती हैं जबकि बड़े नगरों के लिए नगर निगमों की व्यवस्था होती है। नगर निगम के राजनीतिक प्रधान को महापौर या मेयर कहा जाता है।

14 गठबंधन सरकार से क्या समझते हैं ?

उत्तर- एक से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों द्वारा साथ मिलकर बनाई गई सरकार को गठबंधन सरकार कहते हैं। आम तौर पर गठबंधन में शामिल दल एक राजनीतिक गठजोड़ करते हैं और एक साझा कार्यक्रम स्वीकार करते हैं।

15 एक ऐसे बड़े देश का नाम लिखें जिसमें संघवाद स्थापित नहीं है। 

उत्तर-चीन जहाँ साम्यवाद का नियमों के आधार पर एकात्मक पद्धति विद्यमान है।

16 विश्व के कौन से देश साथ आकर संघ बनाने की पद्धति पर गठित है ?

उत्तर- संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड और आस्ट्रेलिया आदि ।

17 विश्व के कौन से संघ राज्यों सबको साथ लेकर की पद्धति के स्वरूप पर संगठित है।

-भारत, बेल्जियम, स्पेन आदि सबको साथ लेकर की पद्धति के अनुसार संघवाद से जुड़े हुए हैं। ऐसे संघवाद की व्यवस्था में केन्द्रीय सरकार अधिक शक्तिशाली होती है।

18 क्या भारत में किसी राज्य को विशेष अधिकार भी दिए गए हैं ?

काही जम्मू और कश्मीर तथा भारत के उत्तर पूर्वी पहाड़ी राज्यों को 

19 तीन उन नए राज्यों का नाम लिखें जिनकी स्थापना हाल ही में (2000 ई०) हुई । 

 उत्तरांचल (उत्तराखण्ड), झारखण्ड और छत्तीसगढ़ तीन नए राज्यों की स्थापना हाल ही में 2000 ई० को हुई। 

20 भारत में कितनी भाषाएँ बोली जाती हैं ?

उत्तर-भारत जैसे विशाल देश में कोई 1500 के लगभग भाषाएँ बोली जाती हैं। हिन्दी को राज्य भाषा का दर्जा दिया गया है।

class 10th NotesMCQ
HistoryPolitical Science
EnglishHindi
HOMECLASS 10

लघु उत्तरीय प्रश्न | Short answer type questions

1 भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताऐं।

Ans : भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता- दोनों भारत और बेल्जियम की संघीय शासन-व्यवस्था में गठन का तरीका एक-सा है अर्थात् यहाँ सबको साथ लेकर चलने की संघात्मक सरकार है जहाँ राज्यों की तुलना में केन्द्रीय सरकार अधिक शक्तिशाली है। भारत की संघीय सरकार में बेल्जियम से अलग एक विशेषता- भारत में तीसरे स्तर पर बेल्जियम की भौति कोई समुदाय सरकार नहीं जो अलग-अलग जातियाँ, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और भाषाई हितों की रक्षा करती हो।

2 एकात्मक सरकार की मुख्य विशेषताएँ क्या है ? – 

Ans : एकात्मक सरकार- एकात्मक सरकार (जैसा कि इंग्लैंड में है) की मुख्य विशेषताऐं। है-

(क) एकात्मक सरकार में केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों की अपेक्षा कहीं अधिक शक्तिशाली होती है। केन्द्र को राज्यों की अपेक्षा अधिक शक्तिय दी जाती हैं। 

(ख) एकात्मक सरकार में केन्द्रीय सरकार के पास धन राज्य सरकारों की अपेक्षा कही अधिक होता है। इसलिए केन्द्र का महत्व राज्यों के मुकाबले अधिक बढ़ जाता है। 

(ग) केन्द्रीय सरकार आपातकाल में और भी शक्तिशाली हो जाती है जब वह राज्य की सारी शक्तियाँ अपने हाथ में ले लेती है।

(घ) ऐसी सरकार या एकात्मक सरकार को समवर्ती सूची में दिए गए विषयों में भी श्रेष्ठता प्राप्त होती है। यदि इस सूची में वर्णित किसी भी विषय पर केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार दोनों कानून पास कर दे तो केन्द्रीय सरकार द्वारा पास किया गया कानून मान्य होगा ।

(ङ) बाकी बची हुई शक्तियाँ एकात्मक सरकार में केवल केन्द्र के पास ही होती है।

3 शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर है? उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें। 

उत्तर- शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में अंतर:-

संघीय एकात्मक
(A) संघात्मक सरकार के लिए लिखित संविधान होना आवश्यक है।(a) एकात्मक सरकार के लिए लिखित संविधान होना जरूरी नहीं है।
(b) केन्द्र और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजन होता है। जैसे- भारत(b) सम्पूर्ण सत्ता केंद्रीय सरकार के पास होती है। वही सम्पूर्ण देश का शासन चलाती है। जैसे- इंग्लैण्ड, फ्रांस, श्रीलंका ।
(c) केन्द्रीय सरकार राज्य सरकार को आदेश जारी नहीं कर सकती।(c) केन्द्रीय सरकार राज्य अथवा स्थानीय प्रशासन को आदेश जारी कर सकती है।
(d) संविधान प्रायः कठोर होता है। केन्द्रीय सरकार अपनी मर्जी से परिवर्तन नहीं कर सकती।(d) संविधान प्रायः लचीला होता है। केन्द्रीय सरकार अपनी मर्जी से परिवर्तन कर सकती है।
(E) संघात्मक सरकार में प्रायः दोहरी नागरिकता होती है। एक राज्य की जिसमें व्यक्ति रहता है । (e) एकात्मक सरकार में इकहरी नागरिकता होती है। कोई भी व्यक्ति कहीं भी रहे, उसे देश की नागरिकता प्राप्त होती है।

4 संघीय सरकार की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ?

उत्तर- संघीय सरकार- संघीय सरकार (जैसा कि भारत और अमेरिका में है) की मुख्य विशेषता निम्नांकित हैं–

(क) संघीय सरकार में शक्तियों का बँटवारा केन्द्र और राज्यों में स्पष्ट रूप से होता है। हर एक अपने क्षेत्र में स्वतंत्र होता है।

(ख) इस प्रकार की सरकारों में संविधान लिखित और कठोर होता है जिसेबदलना इतना आसान नहीं होता। उसे बदलने में एक निश्चित संख्या में राज्यों का समर्थन भी आवश्यक होता है। 

(ग) इस प्रकार की सरकार में न्यायपालिका पूर्ण रूप से स्वतंत्र होती है ताकि यह केन्द्र और राज्यों के आपसी झगड़ों का निपटारा बिना किसी से कर सके।

(घ) इस प्रकार की सरकार में, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका (यू० एस० ए०) है बाकी बची हुई शक्तियाँ राज्यों को प्राप्त होती है। 

5 1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के महत्वपूर्ण अंतरों को बताएँ । 

उतर – 1992 के 73 वें संविधान संशोधन ने स्थानीय शासन के क्षेत्र में अनेक महत्त्वपूर्ण

(क) 1992 से पहले स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित नहीं होते थे परन्तु 1992 के संविधान संशोधन के पश्चात् चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता बन गई।

(ख) 1992 के संशोधन से पहले निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियाँ, अनुसूचित जनजातियों तथा पिछड़े वर्गों के लिए सीटें आरक्षित नहीं थीं, परन्तु 1992 के सुधारों के बाद इन जातियों के लिए सीटों को आरक्षित कर दिया गया।

(ग) पहला यहाँ महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं थीं उन्हें अब एक-तिहाई की संख्या से आरक्षित कर दिया गया है। 

(घ) पहले यहाँ राज्य के पंचायतों और नगरपालिकाओं का चुनाव कराने के लिए कोई संस्था नहीं थी वहाँ अब राज्य चुनाव आयोग गठित किया गया है ताकि वह इन स्थानीय संस्थाओं का चुनाव स्वतंत्र रूप से करा सके।

6 1992 के संविधान में संशोधन के बाद भारतीय लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का उल्लेख करें।

उत्तर- 1992 के संविधान में संशोधन के बाद भारतीय लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था- 

(क) अब स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता है।

(ख) निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं।

(ग) कम से कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। 

(घ) हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है। 

(ङ) राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा इन स्थानीय स्वशासी निकायों को देना पड़ता है। सत्ता में भागीदारी की प्रकृति हर राज्य में अलग-अलग है।

7 संघीय शासन व्यवस्थाऐं आमतौर पर कितने तरीकों से गठित होती हैं ? उदाहरण देकर समझाएँ । 

उत्तर- संघीय शासन व्यवस्थाएं आमतौर पर दो तरीकों से गठित होती है-

(क) दो या अधिक स्वतंत्र राष्ट्रों को साथ लाकर एक बड़ी इकाई गठित करने का। इसमें दोनों स्वतंत्र राष्ट्र अपनी संप्रभुता को साथ करते हैं, अपनी अलग-अलग पहचान को भी बनाए रखते हैं और अपनी सुरक्षा तथा खुशहाली बढ़ाने का रास्ता अख्तियार करते हैं। साथ आकर संघ बनाने के उदाहरण है- संयुक्त राजा अमेरिका, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया इस तरह संघीय व्यवस्था वाले मुल्कों में आमतौर पर प्रांतों को समान अधिकार होता है और वे केन्द्र के बरक्स ज्यादा ताकतवर होते हैं।

(ख) बड़े देश द्वारा अपनी आंतरिक विविधता को ध्यान में रखते हुए राज्यों का गठन करना और फिर राज्य और राष्ट्रीय सरकार के बीच सत्ता का बँटवारा कर देना। भारत, बेल्जियम और स्पेन इसके उदाहरण हैं। इस दूसरी श्रेणी वाली व्यवस्था में राज्यों के बरक्स केन्द्र सरकार ज्यादा ताकतवार हुआ करती है। अक्सर इस व्यवस्था में विभिन्न राज्यों को समान अधिकार दिए जाते हैं पर विशेष स्थिति में किसी-किसी प्रांत को विशेष अधिकार भी दिए जाते हैं। 

8.भारत के संघीय व्यवस्था का वर्णन करें। अथवा. संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची का संक्षेप में वर्णन करें। अथवा, केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को कितने हिस्सों में बाँटा गया है ? स्पष्ट करें।

उत्तर-भारत की शासन व्यवस्था संघीय है। संविधान में भारत को राज्यों का एक संघ घोषित किया गया है। संघीय व्यवस्था के अन्तर्गत शासन के दो स्तर हैं- केन्द्र तथा राज्य। हाल ही में इस व्यवस्था के अन्तर्गत तीसरा स्तर- पंचायती राज तथा नगरपालिका को जोड़ा गया है।

भारत में संघीय व्यवस्था के अन्तर्गत शासन के विभिन्न स्तरों पर विधायी अधिकारों का विकेन्द्रीकरण किया गया है। केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों का विभाजन निम्नांकित तीन सूचियों के अंतर्गत किया गया है-

(क) संघ सूची – इस सूची में राष्ट्रीय महत्त्व के विषय आते हैं जिन पर कानून बनाने का अधिकार सिर्फ केन्द्र सरकार को है। इनमें प्रतिरक्षा, विदेशी मामले बैंकिंग आदि शामिल हैं। 

(ख) राज्य सूची इस सूची में वैसे विषयों को शामिल किया गया है लिए राज्य सरकार उत्तरदायी है। इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को प्राप्त है। 

(ग) समवर्ती सूची- इसके अन्तर्गत शिक्षा, वन, श्रम, पारिवारिक कानून अ को शामिल किया गया है। इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्र । एवं राज्य सरकार दोनों को प्राप्त है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | Long answer type questions

1 विकेंद्रीकरण किसे कहते हैं? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ती है? इसके लाभ बताएँ । 

उत्तर- जब केन्द्र और राज्य सरकारों से शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को दी जाती है तो इसे सत्ता का विकेन्द्रीकरण कहा जाता है। विकेन्द्रीकरण की आवश्यकता होती है इसके अनेक कारण हैं जिनमें से प्रमुख निम्नांकित हैं- 

(क) भारत में बहुत से राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि आकार में इतने बड़े हैं कि राज्य की सरकार अपनी विभेद इकाइयों की और पूरा ध्यान नहीं दे सकती। इसलिए उनका प्रबन्ध पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता। विकेन्द्रीकरण से यह मसला हल हो जाता है। 

(ख) कुछ राज्यों में अनेक भाषाई लोग रहते हैं, अनेक जातियों के लोग रहते हैं अनेक धर्मों के लोग रहते हैं जिन सबकी आकांक्षाओं को पूरा करना राज्य सरकारों के बस की बात नहीं। शक्ति के विकेन्द्रीकरण से अनेक विभिन्नताओं को हल करना आसान हो जाता है।

(ग) विकेन्द्रीकरण के परिणामस्वरूप बनी स्थानीय संस्थाएँ विकास कार्यों में बड़ी सहायक सिद्ध हो सकती हैं क्योंकि किसी स्थान विशेष के स्थानीय लोग ही अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं तथा समस्याओं को भली प्रकार समझ सकते हैं और उन समस्याओं का समाधान भी वही खोज सकते हैं। अतः स्थानीय लोगों का जब सहयोग मिल जाता है तो विभिन्न स्थानीय कार्य आसानी से सम्पन्न हो जाते हैं। स्थानीय लोगों का यह सहयोग स्थानीय संस्थाओं के द्वारा ही प्राप्त हो सकता है।

विकेन्द्रीकरण के लाभ-

(क) स्थानीय समस्याओं का प्रभावी ढंग से समाधान,

(ख) लोकतांत्रिक आदर्शो की पूर्ति,

(ग) संवैधानिक आवश्यकता की पूर्ति,

(घ) स्थानीय स्तर पर शासन में जनता की भागीदारी

2 संघीय व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं का उल्लेख करें ।

उत्तर- संघीय व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण विशेषता-

(क) यहाँ सरकार दो या अधिक स्तरों वाली होती है।

(ख) अलग-अलग स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती है। ) पर कानून बनाने, कर वसूलने और प्रशासन का उनका अपना-अपना अधिकार क्षेत्र होता है।

(ग) विभिन्न स्तरों की सरकारों के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित होते हैं, इसलिए संविधान सरकार के हर स्तर के अस्तित्व और प्राधिकार की गारंटी और सुरक्षा देता है। 

(घ) संविधान के मौलिक प्रावधानों को किसी एक स्तर की सरकार अकेले नहीं बदल सकती। ऐसे बदलाव दोनों स्तर की सरकारों की सहमति से ही हो सकती है।

(ङ) अदालतों को संविधान और विभिन्न स्तर की सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार है। विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों के विवाद की स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय निर्णायक की भूमिका निभाता है। 

(च) वित्तीय स्वायत्तता निश्चित करने के लिए विभन्न स्तर की सरकारों के लिए राजस्व के अलग-अलग स्रोत निर्धारित हैं। 

(छ) इस प्रकार संघीय शासन व्यवस्था के दोहरे उद्देश्य हैं- देश की एकता की सुरक्षा करना और उसे बढ़ावा देना तथा इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं का पूरा सम्मान करना। इस कारण संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो चीजें सबसे महत्त्वपूर्ण हैं। विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच सत्ता के बँटवारे के नियमों पर सहमति होनी चाहिए और इनका

एक दूसरे पर भरोसा होना चाहिए कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों को मानेंगे। आदर्श संघीय व्यवस्था में ये दोनो पक्ष होते हैं- आपसी भरोसा और साथ रहने पर सहमति । 

3 भारत की संघीय शासन व्यवस्था की विशेषताओं की चर्चा करें।

अथवा, भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें। उत्तर-भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताएँ- 

(क) भारतीय संघ के किसी राज्य को संघ से अलग होने का अधिकार नहीं है।

(ख) भारतीय संघ में राज्य प्रतिनिधित्व में समानता का अभाव है।

(ग) भारतीय संघ में एकल नागरिकता की व्यवस्था है न कि दोहरी नागरिकता की।

(घ) भारतीय संघ, केन्द्र और राज्यों के बीच किसी संविदा अथवा करार का परिणाम नहीं है, बल्कि इसका निर्माण विशेष ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में हुआ है। 

(ङ) संसद द्वारा राज्य की सीमाओं में परिवर्तन के लिए राज्य की सम्मति आवश्यक नहीं है।

(च) शक्तियों का विभाजन केन्द्रीय सरकार के पक्ष में है। (छ) भारतीय संघ में न्यायालयों की एक ही प्रणाली है। देश का एक ही न्यायालय है।

(ज) भारतीय संघ में लोक सेवाओं का विभाजन नहीं किया गया है, अर्थात् लोकसेवक अपने कार्यों में राज्य तथा केन्द्रीय दोनों स्तर के कानूनों का पालन करते हैं।

4.1990 के बाद भारत के केन्द्र-राज्य संबंध पर प्रकाश डालें । 

उत्तर- (क) देश के अनेक राज्यों में क्षेत्रीय दलों का उदय 1990 के बाद हुआ। यही 4 दौर केन्द्र में गठबंधन सरकार की शुरुआत। 

(ख) किसी एक दल को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, इसलिए प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों को क्षेत्रीय दलों समेत अनेक पार्टियों का गठबंधन बनाकर सरकार बनानी पड़ी। 

(ग) इससे सत्ता में साझेदारी और राज्य सरकारों की स्वायत्ता का आदर करने की गई संस्कृति पनपी

(घ) इस प्रवृत्ति को सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े फैसले से भी बल मिला। फलस्वरूप राज्य सरकार को मनमाने ढंग से भंग करना केन्द्र सरकार लिए मुश्किल हो गया।


FAQs

1 हिन्दी के साथ-साथ कितनी भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है ? 

भारतीय संविधान द्वारा हिन्दी के अलावा अन्य 21 भाषाओं को अनुचित भाषा का दर्जा दिया गया है। इस प्रकार कुल अनुसूचित भाषाएँ 22 है।

2 भारत के कितने प्रतिशत लोगों ने हिन्दी को अपनी मातृभाषा घोषित किया है? 

उत्तर-भारत में लगभग 40% लोगों ने हिन्दी को अपनी मातृभाषा घोषित किया है तभी तो इसे सबसे महत्त्वपूर्ण राजभाषा घोषित किया गया है।

3 सत्ता का विकेंद्रीकरण से आप क्या समझते हैं ? 

उत्तर- जब केन्द्र और राज्य सरकारों से शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को दी जाती है तो इसे सत्ता का विकेन्द्रीकरण कहा जाता है।

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