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Ncert Class 10 History Ch-6 Question Answer in Hindi | कक्षा 10वीं अध्याय 6 कार्य, जीवन और आराम प्रश्न उत्तर
कक्षा | Class | 10th |
अध्याय | Chapter | 06 |
अध्याय का नाम | Chapter Name | कार्य, जीवन और आराम |
बोर्ड | Board | सभी हिंदी बोर्ड |
किताब | Book | एनसीईआरटी | NCERT |
विषय | Subject | इतिहास | History |
मध्यम | Medium | हिंदी | HINDI |
अध्ययन सामग्री | Study Materials | प्रश्न उत्तर | Question answer |
महत्वपूर्ण खोजशब्द | Important keywords
महानगर : किसी देश या प्रांत का विशाल और घनी
आबादी वाला शहर जो प्रायः वहाँ की राजधानी भी होता है।
शहरीकरण : किसी कस्बे या शहर के रूप में विकसित होने की प्रक्रिया।
परोपकारी : ऐसा व्यक्ति जो दूसरों की भलाई और सामाजिक उत्थान के लिए काम करता है तथा इसके लिए अपना पैसा व समय देता है।
टेमेमेंट्स : कामचलाऊ तथा अकसर बेहिसाब भीड़ वाले अपार्टमेंट मकान। ऐसे मकान बड़े-बड़े शहरों के गरीब इलाकों में बहुतायत पाए जाते थे।
संयमता आंदोलन : मुख्य रूप से मध्यवर्ग के नेतृत्व में चलाया गया समाज सुधार आंदोलन जो अमेरिका और इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी से शुरू हुआ। इस आंदोलन के तहत शराब को समाज व परिवार की तबाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता था। इस आंदोलन में खासतौर पर कामकाजी तबके में नशीले पेय पदार्थों के उपभोग में कमी लाने पर जोर दिया जाता था।
श्वासावरोधन : ऑक्सीजन की कमी के कारण दम घुटने की प्रक्रिया |
व्यक्तिवाद : वह सिद्धांत जिसमें समुदाय की ही नहीं बल्कि व्यक्ति की स्वतंत्रता, अधिकारों और स्वतंत्र कार्रवाई की हिमायत की जाती है।
प्रेसीडेंसी शहर : ब्रिटिश शासन के समय बंबई, मद्रास और बंगाल प्रेसिडेंसी की राजधानियाँ।
दबे-कुचले वर्ग ऐसे लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द जिन्हें जाति व्यवस्था में ‘अछूत’ और ‘निम्न जाति’ समझा जाता है ।
भूमि विकास : दलदली अथवा डूबी हुई जमीन को खेती करने या रहने या किसी अन्य काम के लायक बनाना ।
short and long answers types Questions class 10th history

संक्षेप में लिखें-
1. अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी क्यों फैलने लगी? कारण बताइए ।
उत्तरः अठारहवीं सदी में लंदन की आबादी फैलने के मुख्यतः दो कारण थे- (i) लंदन के आस-पास के क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर लोग लंदन गये। गैरेथ स्टेडमैन के शब्दों में, “19वीं सदी का लंदन क्लर्कों और दुकानदारों, छोटे पेशेवरों और निपुण कारीगरों, कुशल व शारीरिक श्रम करने वालों की बढ़ती आबादी, सिपाहियों, नौकरों, दिहाड़ी मजदूरों, फेरीवालों और भिखारियों का शहर था ।”
(ii) लंदन की गोदी तथा वहाँ के पाँच प्रमुख उद्योगों में लोगों को बड़े स्तर पर काम मिला हुआ था। इसके अलावा पहले विश्वयुद्ध के दौरान लंदन में मोटरकार व बिजली उपकरणों का उत्पादन शुरू होने से वहाँ मजदूरों की माँग में और वृद्धि हुई।
2. उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के बीच लंदन में औरतों के लिए उपलब्ध कामों में किस तरह के बदलाव आए? ये बदलाव किन कारणों से आए?
उत्तरः 19वीं और 20वीं शताब्दी में लंदन में औरतों के लिए उपलब्ध कामों का बदलाव आने के निम्न कारण थे – (i) इस दौरान औरतें काफी मात्रा में कारखानों में काम करती थी। परन्तु तकनीक में सुधार आने से कारखानों में काम करने वाली औरतों को काम से हाथ धोना पड़ा और वे घरेलू कामों तक सीमित हो गई ।
(ii) औरतें अपने परिवार की आय में वृद्धि के लिए मकानों में लोगों को भाड़े पर रखने लगीं। इसके अलावा सिलाई-बुनाई व माचिस बनाने जैसे कार्य घर पर ही करने लगी।
(iii) 20वीं सदी में औरतों को युद्ध कालीन कार्यों के लिए पुनः उद्योगों तथा दफ्तरों में काम मिलने लगा। इसका मुख्य कारण युद्ध क्षेत्र में पुरुषों की अधिक माँग थी। नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, विदेशी आयातों में कमी, प्राचीन उद्योगों का विस्तार तथा युद्ध में अधिक योगदान देने की प्रेरणा इसी परिवर्तन के कारण थे।
3.विशाल शहरी आबादी के होने से निम्नलिखित पर क्या असर पड़ता है? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाइए ।
(क) जमींदार विशाल शहरी आबादी भू-स्वामियों के समक्ष चुनीतियों पैदा करने लगी। इनमें झोंपड़ पट्टी की समस्या मुख्य थी। शहरों में खाते-पीते निवासियों की यह माँग थी कि झोंपड़ पट्टियों को साफ कर देना चाहिए परन्तु धीरे-धीरे लोग इस तथ्य को समझने लगे कि शहर के गरीबों के लिए भी आवास का प्रबंध होना चाहिए। क्योंकि झोंपड़पट्टी के मकानों में भीड़ रहती थी, वहाँ साफ-सफाई की सुविधा नहीं थी। जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती थी। दूसरे खस्ता हाल मकानों में आग गने का खतरा रहता था, तीसरा इस विशाल जनसमूह में सामा कि उवल-पुथल होने का अंदेशा रहता था। इन सभी समस्याओं से लपटने के लिए मजदूरों के लिए विभिन्न आवासीय योजनाएं शुरू की गई । इन्हीं कारणों के चलते लंदन, बर्लिन और न्यूयार्क के निजी भू-स्वामियों को आवास व इससे संबंधित समस्याओं पर पर्याप्त ध्यान देना पड़ा।
प्रदूषण की समस्यायें भी निजी भू-स्वामियों के समक्ष आयी और शहरों के लिए नए फेफड़ों’ का प्रबंध करने की बातें उठने लगी। इस सन्दर्भ में लंदन के गिर्द हरित पट्टी का निर्माण करके देहात व शहरों के फासलों को पाटने का प्रयास किया गया।
(ख) कानून-व्यवस्था सँभालने वाला पुलिस अधीक्षक शहरों में जनसंख्या वृद्धि के साथ ही एक पुलिस अधीक्षक के समक्ष शहरों में कानून तथा व्यवस्था को बनाए रखने की समस्याएँ पैदा हो गई क्योंकि शहरों में जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ अपराधियों की संख्या में भी वृद्धि हुई थी। उदाहरण के लिए 1870 के दशक में अकेले लंदन में ही कम से कम 20 हजार अपराधी रहते थे।
(ग) राजनीतिक दल का नेता एक राजनीतिक दल का नेता शहरों में विशाल आबादी से बड़ा प्रभावित होता है। –
(i) राजनीतिक दल शहरों में अपने तथा अपने दलों के समर्थकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करते हैं।
(ii) जब 1886 में अत्याधिक सर्दी के कारण घरों में काम करना असंभव हो गया तो लंदन में दंगों की स्थिति पैदा हो गई। लोगों की माँग थी कि उन्हें गरीबी से मुक्ति दिलाई जाए।
(iii) 1887 में पुलिस द्वारा इसी तरह के एक दंगे को समाप्त करने के लिए ज्यादा सख्ती बरती गई। इस कार्रवाई को इतिहास में खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है। ऐसी परिस्थितियों में राजनीतिक दल अक्सर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं।
(iv) लगभग दो साल के बाद लंदन के गोदी मजदूरों ने गोदी कामगारों की यूनियन मान्यता देने के लिए हड़ताल की। ऐसी घटनाओं से पूँजीवाद को ठेस तथा वामपंथी दलों तथा नेताओं को प्रोत्साहन मिलता है।
3.निम्नलिखित की व्याख्या करें
(क) उन्नीसवीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की जरूरत का समर्थन क्यों किया?
उत्तरः इसके निम्नलिखित कारण थे. क्योंकि झुग्गी झोंपड़ियों की गंदी बस्तियों में बच्चे अपराधी बनते जा रहे थे अतः मानवतावादी भावनाओं से प्रेरित होकर उनके लिए आवास की व्यवस्था करना आवश्यक समझा गया।
(ii) इनमें गरीब असुरक्षित था अतः उन्हें सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना, समाज एवं धनी वर्ग के कारखानों के लिए उनकी निरंतर सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए जरूरी था।
(iii) झोंपड़पट्टी में फैली गंदगी निर्धन वर्ग के अलावा आस-पास रहने वाले अमीर वर्ग के समक्ष भी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ खड़ी कर सकती थी।
(iv) खस्ताहाल मकानों में आग लगने का अधिक खतरा रहता था।
(ख) बंबई की बहुत सारी फिल्में शहर में बाहर से आने वालों की जिंदगी पर आधारित क्यों होती थीं?
उत्तरः मुंबई की अधिकांश फिल्में शहर से बाहर से आने वालों की जिंदगी पर आधारित होती थी। क्योंकि ये फिल्में लोगों को मुंबई की तरफ भागे चले आने से हतोत्साहित करना चाहती थी। इन फिल्मों में मुंबई के जीवन में गंदा वातावरण, आवासी मकानों का अभाव, पेयजल का अभाव, तथा वहाँ के लोगों के केंद्रीयभूत दृष्टिकोण एवं मानव मूल्यों के प्रति उपेक्षा के भाव को दिखाया जाता है। इसमें ‘ऐ दिल है मुश्किल जीना यहाँ, जरा हटके, जरा बचके, ये है बॉम्बे मेरी जान’ तथा ‘जिसका जूता, उसी के सर, “दिल है छोटा बड़ा शहर, अरे वाह रे वाह तेरी बम्बई’ आदि गाने ऐसी ही भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
(ग) उन्नीसवीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?
उत्तरः बम्बई का व्यापार वाणिज्य का प्रमुख केंद्र बनना – (i) 17वीं शताब्दी में बम्बई सात टापुओं का एक समूह था जो पुर्तगालियों के अधिकार क्षेत्र में आता था। परन्तु 1661 में यह अंग्रेजों के अधिकार में चली गई और ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहाँ के प्रमुख बंदरगाह सूरत से बम्बई में अपना मुख्यालय कायम कर लिया। 1819 में बंबई को प्रेसीडेंसी शहर घोषित किया गया तथा धीरे-धीरे यह पश्चिमी भारत का एक महत्वपूर्ण प्रशासकीय केंद्र बन गया। सदी के अंत तक यह एक बड़ा औद्योगिक केंद्र बन कर उभर चुका था। (ii) 1819 के युद्ध में मराठों की हार के बाद प्रेसीडेंसी घोषित करने के बाद यह शहर तेजी से फैलने लगा। इसके अलावा कपड़ा मिलों के खुलने से बड़ी संख्या में लोग बम्बई में आकर बसने लगे।
(iii) नये-नये उद्योगों की स्थापना से यहाँ की जनसंख्या में अत्याधिक वृद्धि हुई। 1881 से 1931 के बीच बम्बई में रहने वालों में केवल एक चौथाई जनसंख्या ही स्थानीय थी।
(iv) बम्बई शहर दो प्रमुख रेलवे नेटवर्कों का जंक्शन या मिलान बिंदु वा । रेलवे के कारण शहर में आने वालों को और सुविधा होने लगी और यह शहर और अधिक फैलने लगा । उपरोक्त सभी कारणों के चलते बम्बई -व्यापार तथा वाणिज्य के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा।
4.चर्चा करें-
1. लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध करने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए।
उत्तरः उन्नीसवीं सदी में इंग्लैंड में मनोरंजन के निम्नलिखित साधन उपलब्ध थे –
(i) अठारहवीं सदी के अन्तिम दशकों में संभ्रात परिवारों के समूहों के लिए ऑपेरा, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत आदि कई प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन होते थे।
(ii) मेहनतकश वर्ग इस दौरान अपना खाली समय पव या शराब घरों में बिताते थे।
(iii) धीरे-धीरे आम लोगों के मन बहलाव के नये-नये तरीके सामने आने लगे जिनमें पुस्तकालय, कला दीर्घाए तथा संग्रहालयों का खुलना था।
(iv) 1810 में ब्रिटेन में संग्रहालय में प्रवेश शुल्क के समाप्त किए जाने से म्यूजियम में आने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई।
(v) ब्रिटिश औद्योगिक मजदूरों का छुट्टी के दिनों में समुद्र किनारे जाकर सैर करना मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन था।
5.लंदन में आए उन सामाजिक परिवर्तनों की व्याख्या करें जिनके कारण भूमिगत रेलवे की जरूरत पैदा हुई। भूमिगत रेलवे के निर्माण की आलोचना क्यों हुई?
उत्तरः लंदन में सामाजिक परिवर्तन एवं भूमिगत रेलवे
(i) शहरी आबादी में वृद्धि हुई ।
(ii) कारखानों में वृद्धि के कारण विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, स्वास्थ्य, सफाई, कानून एवं व्यवस्था, नैतिकता में गिरावट, बाल मजदूरी, बड़ी संख्या में अप्रवासियों का आगमन आदि समस्याएँ सामने आई फलस्वरूप वहाँ के समाज में काफी परिवर्तन आया।
भूमिगत रेलवे के निर्माण की आवश्यकता
(i) लंदन के लोगों को शहर से उपनगरीय इलाकों में जाकर रहने के लिए तैयार करने के लिए भूमिगत रेलवे का निर्माण किया गया।
(ii) भूमिगत रेलवे का एक उद्देश्य आवाजाही में लगने वाले अधिक समय की बर्बादी को रोकना भी था।
class 10th Notes | MCQ |
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आलोचना इसकी निम्नलिखित आधारों पर आलोचना की गई-
(i) भूमिगत रेल यात्रा को बहुत से लोग स्वास्थ्य के लिहाज से उपयुक्त नहीं समझते थे। उनका कहना था कि डब्बे छोटे एवं घुटन भरे हैं जिसमें धुम्रपान करने वालों के धुएँ से और भी ज्यादा घुटन होती है।
(ii) बहुत से लोगों का मानना था कि इन ‘लौह दैत्यों’ ने शहर में अफरा-तफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को बढ़ा दिया है। दूसरे इनके निर्माण से बड़ी मात्रा में तोड़-फोड़ की कार्यवाइयों की गई जो संसाधनों की बर्बादी है। एक अनुमान के अनुसार लगभग दो मील लंबी रेलवे लाइन बिछाने के लिए औसतन 900 घर गिरा दिए जाते थे। इस कारण गरीबों को बड़ी संख्या में उजाड़ा गया।
6. पेरिस के हॉसमानीकरण का क्या अर्थ है। इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं? इस बात का समर्थन या विरोध करते हुए अखबार के संपादक को पत्र लिखिए और उसमें अपने दृष्टिकोण के पक्ष में कारण दीजिए।
उत्तरः पेरिस के हॉसमानीकरण का अर्थ पेरिस के हॉसमानीकरण का अर्थ है पेरिस को आधुनिक शहर के रूप में विकसित करना। सन् 1852 में लुई नेपोलियन- III ने खुद को सम्राट घोषित कर दिया। इसके पश्चात् उन्होंने पेरिस के पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया। निर्माण का यह कार्य सम्राट ने बैरॉन हॉसमान नामक वास्तुकार को सौंपा जो सियाँ का प्रिपेक्ट था। उनका नाम सुंदरता तथा व्यवस्था के नाम पर शहरों के जबरन पुनर्निर्माण का पर्याय बन चुका है।
उन्होंने शहर को खूबसूरत बनाने और किसी भी तरह की बगावत की आशंका को दूर करने के लिए पेरिस के मध्य से निर्धनों की बस्तियों को साफ करवा दिया था। (संकेत – विद्यार्थी अखबार के संपादक को पत्र लिखने का स्वयं पर प्रयास करें। वे अपने पत्र में निम्न तथ्यों का समावेश कर सकते है मैं आधुनिकीकरण की इस गतिविधियों का निम्न आधारों समर्थन करता हूँ करती हूँ।
- (1) इसने शहर को एक नया रूप दिया है।
- (2) इससे लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि हुई है।
- (3) इसने सभ्य होने के भाव में वृद्धि की है।
- (4) शहर के आधुनीकीकरण से यहाँ हर सामाजिक व बौद्धिक व सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिला है।
- (5) मजबूत अधोसंरचना के फलस्वरूप व्यापार व वाणिज्यक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है।
- (6) अब शहर के झोपड़पट्टी में रहने वालों को शहर में आवास की बेहतर सुविधाएँ मिल गई हैं।
- (7) प्रदूषण की समस्या कम हुई हैं।
- (8) पर्यटन संबंधी गतिविधियों में वृद्धि हुई है।
- (9) शहर के सौंदर्य में वृद्धि हुई है।
- (10) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहर की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
7. सरकारी नियमन और नए कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया? निम्नलिखित के स्तर में परिवर्तन के लिए बने कानूनों की सफलता और विफलता का एक-एक उदाहरण दीजिए-
(क) सार्वजनिक जीवन
(ख) निजी जीवन
उत्तरः सरकार ने प्रदूषण संबंधी समस्या के समाधान के लिए नए कानून व अधिनियमों को लोगों पर जबरदस्ती लाद दिया। परन्तु फिर भी
ये नियम तथा कानून इस समस्या का निदान करने में पूर्णतः सफल नहीं हुए हैं। नीचे इनकी सफलता तथा असफलता के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं
1. सफलता के उदाहरण
(क) सार्वजनिक जीवन बम्बई के गवर्नर विलियम हॉर्नबी ने – समुद्र तट पर एक विशाल दीवार बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी ताकि शहर के निचले इलाके समुद्र के पानी की चपेट में आने से बच जाएँ तथा भूमि को प्रदूषण जा सके। से बचाया
(ख) निजी जीवन सिंगापुर सरकार ने लोगों के निजी जीवन – को नियंत्रित करके प्रदूषण की समस्या से निजात पाई। सरकार द्वारा शहर की योजना बनाते समय एक-एक इंच का हिसाब रखा गया। ऊँचे-ऊँचे आवासीय खंडों में हवा-निकासी और सभी प्रकार की सेवाओं का प्रबंध किया गया था ताकि शहर को प्रदूषण मुक्त रखा जा सके।
2. असफलता के उदाहरण
(क) सार्वजनिक जीवन -1840 के दशक तक डर्बी, लीड्स और – मैनचेस्टर जैसे शहरों में धुएँ पर काबू पाने के लिए कानून बनाए गए परन्तु कारखाना मालिकों ने अपनी मशीनों में मामूली फेरबदल ही किए जिससे धुएँ की मात्रा पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा। इस प्रकार 1847 से 1855 के धुआँ नियंत्रण कानून अपने मकसद में नाकाम हो चुके थे।
(ख) निजी जीवन – नए कानूनों और अधिनियमों से लोगों के निजी जीवन को संरक्षण देने में कामयाबी नहीं मिली। ब्रिटेन में भूमिगत रेलवे के विकास से लोगों को निजी स्तर पर काफी प्रभावित किया क्योंकि इसके डिब्बों के अन्दर धुएँ तथा इसके निर्माण के समय बड़े पैमाने पर संपत्ति की बर्बादी ने लोगों के निजी जीवन को प्रभावित किया।
कक्षा 10 इतिहास समाधान | class 10 history solution

FAQs
भारत में बेघर बच्चों के कारण क्या हैं?
भारत में कई बच्चे पहले से ही उचित पोषण, शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच से वंचित हैं। पारिवारिक हिंसा के साथ मिलकर ये स्थितियाँ बच्चों को अपने लिए बेहतर जीवन की तलाश करने के लिए प्रेरित करती हैं|
लोग बेघर क्यों हो जाते हैं?
ऐसे कई कारण हैं जिनके कारण लोग बेघर हो जाते हैं जैसे गरीबी, अपर्याप्त आय, प्राकृतिक आपदाएं, शारीरिक और मानसिक विकार और किफायती आवास की कमी।