Ncert Class 10 Geography Chapter 2 Question Answer in Hindi | अध्याय 2 वन और वन्यजीव संसाधन

क्या आप कक्षा 10वीं के विद्यार्थी हैं और आप Ncert Class 10 Geography Chapter 2 Question Answer in Hindi में महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर के तलाश में है ? क्योंकि यह अध्याय परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है | इस अध्याय से काफी प्रश्न परीक्षा में आ चुके हैं | जिसके कारण इस अध्याय का प्रश्न उत्तर जानना काफी जरूरी है|

तो विद्यार्थी इस लेख को पढ़ने के बाद आप इस अध्याय से काफी अंक परीक्षा में प्राप्त कर लेंगे ,क्योंकि इसमें सारी परीक्षा से संबंधित प्रश्नों का विवरण किया गया है तो इसे पूरा अवश्य पढ़ें |

Ncert Class 10 Geography Chapter 2 Question Answer in Hindi | अध्याय 2 वन और वन्यजीव संसाधन

कक्षा | Class10th
अध्याय | Chapter02
अध्याय का नाम | Chapter Nameवन और वन्यजीव संसाधन
बोर्ड | Boardसभी हिंदी बोर्ड
किताब | Book एनसीईआरटी | NCERT
विषय | Subjectभूगोल | Geography
मध्यम | Medium हिंदी | HINDI
अध्ययन सामग्री | Study Materialsप्रश्न उत्तर | Question answer

अति लघु उत्तरीय प्रश्न | Very short answer type question

Ncert Class 10 Geography Chapter 2 Question Answer in Hindi
Ncert Class 10 Geography Chapter 1 Question Answer in Hindi | अध्याय 1 संसाधन और विकास प्रश्न उत्तर

1 जैव विविधता क्या है ? यह मानव जीवन के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ? 

उत्तर- वन्य जीवन और कृषि फसलों में जो इतनी विविधता पाई जाती है उसे जैव विविधता कहते हैं। इनका हमारे लिए बड़ा महत्व है क्योंकि इनके द्वारा विविध

2 आरक्षित वन क्या हैं ?

Ans :उत्तर-वन जिन्हें इमारती लकड़ी अथवा वन उत्पादों को प्राप्त करने के लिए स्थाई रूप से सुरक्षित रखा जाता है तथा जिनमें पशुओं के चराने तथा खेती करने की अनुमति नहीं होती उन्हें आरक्षित वन कहते हैं।

3 रक्षित वन क्या हैं ? प्रकार की आवश्यताएँ पूरी होती हैं। 

उत्तर- वे वन जिनमें कुछ सामान्य प्रतिबन्धों के साथ पशुओं को चराने एवं खेती करने की अनुमति दे दी जाती है उन्हें रक्षित वन कहते हैं। 

4 अवर्गीकृत वन क्या हैं ?

उत्तर- ऐसे वन जिन तक पहुँचना दुर्गम होता है और जहाँ पशुओं को चराने तथा खेती करने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होता उन्हें अवर्गीकृत वन कहा जाता है। ऐसे वन प्रायः अनुपयोगी होते हैं।

5 राष्ट्रीय उद्यान क्या हैं ?

उत्तर- वह सुरक्षित क्षेत्र जहाँ प्राकृतिक वनस्पति, प्राकृतिक सुंदरता तथा वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखा जाता है, राष्ट्रीय उद्यान कहलाता है।

6.जैव-विविधता के दो लाभ लिखें। 

उत्तर- जैव विविधता के दो लाभ-

(क) सर्वप्रथम प्राकृतिक सम्पदा विशेष रूप से विभिन्न जीवजन्तु के सौन्दर्य को चार चाँद लगा देते हैं और धरती को स्वर्ग का रूप दे देते हैं।। 

(ख) भारत की प्राकृतिक सम्पदा और वन्य प्राणियों को देखने के लिए हर द अनेक पर्यटक भारत आते रहते हैं,  

7 पौधों और जीवों की संकटग्रस्त जातियाँ कौन-कौन सी हैं, उदाहरण सहित सी विदेशी मुद्रा प्राप्त हो जाती है। लिखें। 

उत्तर- पौधों और जीवों की संकटग्रस्त वे जातियाँ हैं जिनके लुप्त होने का खतरा है। जैसे- काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, गैंडा, शेर, पूँछ वाल बन्दर संगाई या मणिपुरी हिरण आदि।

8 पौधों और प्राणियों की सामान्य जातियाँ कौन-कौन सी हैं, उदाहरण सहित लिखें।

उत्तर- पौधों और जीवों की सामान्य जातियाँ वे हैं जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य या ठीक-ठाक मानी जाती है, जैसे- पशु, चीड़, साल, कृतक आदि । 

class 10th NotesMCQ
HistoryPolitical Science
EnglishHindi
HOMECLASS 10

9.पौधों और प्राणियों की सुभेद्य जातियाँ कौन-कौन सी हैं, उदाहरण सहित लिखें।

उत्तर-पौधों और प्राणियों की सुभेद्य जातियाँ वे हैं जिनकी संख्या कम होती जा रही है और यदि उन्हें बचाने का प्रयत्न न किया गया तो वह संकटग्रस्त श्रेणी में चली जाएँगी। जैसे— एशियाई हाथी, गंगा नदी की डाल्फिन, नीली भेड़ आदि मरुस्थलीय लूमड़ और हार्नबिल आदि ।

10 पौधों और प्राणियों की दुर्लभ जातियाँ कौन-कौन सी हैं, उदाहरण सहित 

उत्तर- पौधों और प्राणियों की दुर्लभ जातियाँ वे हैं जिनकी संख्या बहुत ही कम है और यदि इनको बचाने के उचित प्रबन्ध न किए गए तो इनका संकटग्रस्त श्रेणी में जाना लगभग तय है जैसे हिमालय का भूरा रीछ, 

11.एशियाई जंगली भैं पौधों और प्राणियों की स्थानिक जातियाँ कौन-कौन सी हैं, उदाहरण सहि लिखें।

उत्तर- पौधों और प्राणियों की स्थानिक जातियाँ ये हैं जो विशेष क्षेत्रों में ही पाई जा है, जैसे- निकोबारी कबूतर, अंडमानी जंगली सूअर तथा टील, अरुणाचल मिथुन आदि । 

12 पौधों और प्राणियों की लुप्त जातियाँ कौन-कौन सी हैं, उदाहरण सहित लिखें।

उत्तर- पौधों और प्राणियों की लुप्त जातियाँ वे हैं जो इनके रहने के स्थानों से भी तु पाई गई हैं। जैसे- एशियाई चीता, गुलाबी सिर वाली बत्तख आदि ।

13 वनों के हास की समस्या को किस प्रकार हल किया जा सकता है ?

उत्तर – सामाजिक वानिकी द्वारा वनों का विस्तार। वन महोत्सव द्वारा अधिक से अधिक वृक्षारोपण तथा पेड़ों के महत्व के विषय में लोगों को जानकारी देना । 

14 भारत में हाथी किस प्रकार के वनों में पाए जाते हैं ? ऐसे दो राज्य बताएँ जहाँ हाथी सबसे अधिक मिलते हैं। 

उत्तर- उष्ण आर्द्र विषुवतीय वन हाथी का प्राकृतिक आवास है। केरल, कर्नाटक राज्यों के पश्चिमी घाट क्षेत्र में तथा असम राज्य में ।

Short answer Type questions

1 वनों के संरक्षण में लोगों की भागीदारी किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है ?

उत्तर-वनों के संरक्षण में लोगों की भागीदारी – वनों के संरक्षण में लोग भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं- (क) कई स्थानों पर लोगों ने वृक्ष काटने के विरुद्ध अपनी आवाज भी उठाई है और वृक्ष काटने वालों को ऐसा कार्य करने से रोका भी है।

(ख) यदि कभी वृक्ष काटने की आवश्यकता भी पड़ जाए तो यह काम संयोजित ढंग से किया जाना चाहिए।

(ग) जहाँ-जहाँ उचित हो सके वहाँ हमें वन महोत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए और लोगों को वृक्षारोपण के कार्य में अधिक से अधिक भागीदारी बनाना चाहिए।

2 हिमालयन यव क्या है, ये संकट में क्यों है ?

उत्तर- हिमालयन यव (चीड़ की प्रकार का सदाबहार वृक्ष) एक औषधीय पौधा है जो हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पाया जाता है। पेड़ की छाल, पत्तियों, टहनियों और जड़ों से टकसोल नामक रसायन निकाला जाता है तथा इसे कुछ कैंसर रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। इससे बनाई गई दवाई विश्व में सबसे अधिक बिकने वाली कैंसर औषधि हैं। इसके अत्यधिक निष्कासन से इस वनस्पति जाति को खतरा पैदा हो गया है। 

3 बाघ परियोजना के विषय में संक्षेप में लिखें।

तर बाघ वन्य जीवों की एक महत्त्वपूर्ण जाति है। विश्व भर में इसके तेजी से घटती हुई संख्या से चिन्तित हो विश्व के वन्य प्रेमियों ने 1973 ई० में बाघों की सुरक्षा

के लिए बाघ परियोजना तैयार की।

यहाँ याद रहे कि 20 वीं शताब्दी के आरम्भ में बाघों की अनुमानित संख्या जो 55,000 थी वह 1973 में घटकर केवल 1827 रह गई। बाघों की गिनती में इस गिरावट के कुछ मुख्य कारण थे- व्यापार के लिए बाघों को मारना, उनके आवासीय स्थलों का कम होते जाना, एशिया के देशों में उनकी हड्डियों का दवाईयों में प्रयोग आदि। 

क्योंकि भारत और नेपाल विश्व के लगभग दो-तिहाई बाघों को निवास उपलब्ध करवाते हैं, इसलिए इन दोनों देशों पर बाघ संरक्षण की जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। भारतीय सरकार ने 1973 की बाघ परियोजना के अन्तर्गत कोई 27 बाघ रिजर्व स्थापित किए इनमें से कुछ मुख्य बाघ रिजर्व इस प्रकार हैं- 

उत्तराखण्ड में कारबेट राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिमी बंगाल में सुन्दरवन राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान में सरिस्का वन्य जीव पशु विहार, असम में मानस बाघ रिजर्व और केरल में पेरियार बाघ रिजव आदि। इन बाघ रिजवों की स्थापना से इस अमूल्य निधि को बचाए रखना सम्भव हो गया है। 

4 वन संरक्षण के उपायों का वर्णन करें।

उत्तर-वन एक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा हैं। ये देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः वन-संरक्षण के लिए निम्नांकित उपाय अपनाकर, वन समस्या का हल किया जा सकता है-

(क) वनों की अंधाधुंध कटाई पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।

(ख) अति चराई पर रोक लगाई जाए।

(ग) वनों से वृक्ष काटने पर उनके स्थान पर वृक्षारोपण करना आवश्यक है। 

(घ) वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए, क्षेत्रों का निर्धारण करना चाहिए। 

(ङ) वन क्षेत्रों को संरक्षित करने की नितांत आवश्यकता है। 

(च) लकड़ी के ईंधन का उपयोग कम-से-कम हो, उसके लिए पूरक साधनों का विकास किया जाए। 

(छ) वनों को हानिकारक कीड़े मकोड़ों, बीमारियों, आग आदि से सुरक्षित रखा जाए। 

(ज) वनों की उपयोगिता और उसकी महत्ता की जानकारी के लिए जनचेतना व जनजागरण पैदा किया जाए।

5 जैव आरक्षित क्षेत्र क्या है ?

उत्तर- जैव आरक्षित क्षेत्र एक बहुउद्देश्य सुरक्षित क्षेत्र होता है जहाँ वैज्ञानिक, स्थानीय लोग एवं सरकारी अधिकारी मिलकर कार्य करते हैं ताकि वन्य प्राणियों और प्राकृतिक सम्पदा की अच्छे ढंग से सुरक्षा की जा सके अथवा उनका उचित उपयोग किया जा सके। ऐसे क्षेत्रों में कृषि कार्यों को करने की विशेषकर स्थानीय लोगों को आज्ञा दे दी जाती है और उन्हें नौकरियाँ भी उपलब्ध कर जाती है। सैलानियों को भी स्वतन्त्र रूप से आने दिया जाता है। ताकि आर्थिक संसाधनों को बढ़ाया जा सके।

6 वनस्पति जगत और प्राणी जगत में अन्तर करें।

इतर किसी देश की वनस्पतियों में उस देश का समस्त वनस्पति जगत शामिल होता है। इसमें वनों में उगने वाले वृक्ष, मनुष्य द्वारा उगाए गए फूलदार और बिना फूलों वाले वृक्ष, घास वाले क्षेत्र व झाड़ियों आदि सम्मिलित हैं। भारत में लगभग 49,000 जातियों के पौधे पाए जाते हैं। इनमें से 5,000 ऐसे हैं जो केवल भारत में ही मिलते हैं।

जीव-जन्तुओं में पक्षी, मछलियों और पशु आदि शामिल हैं जिनमें स्तनीय पशु, रेंगने वाले पशु कीड़े-मकोड़े, जल और स्थल में रहने वाले प्राणी आदि सम्मिलित हैं। भारत का पशु-जगत धनी तथा विभिन्न प्रकार का है। भारत में पशुओं की लगभग 81,000 जातियाँ हैं।

7 भारत में वन और वन्य जीवन का संरक्षण क्यों आवश्यक है ? 

उत्तर-भारत में वन एवं वन्य जीवन के संरक्षण की आवश्यकता- 

(क) वन और वन्य जीवन संरक्षण से पारिस्थितिकी विविधता बनी रहती है। 

(ख) इनके संरक्षण से हमारे जीवन को साध्य रखने वाले संसाधनों को बनाए रखा जा सकता है। जीवन साध्य संसाधनों में जल, वायु तथा मृदा को शामिल किया जाता है।

(ग) विभिन्न जातियों, प्रजातियों में गुणवत्तापूर्ण जनन के लिए वनस्पति एवं वन्य जीवों की जॉस विविधता को संरक्षित रखती है। 

(घ) समुद्रों में मछली पालन बनाये रखने में सहायता करती है।

Long answer Type questions

1 वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबन्ध लिखें। 

उत्तर-मानव सदियों से प्रकृति की पूजा करता आ रहा है। भारतीय संस्कृति में भी प्रकृति और इसके कृतियों को पवित्र मानकर उसकी पूजा करना तथा उनकी रक्षा करने की परम्परा है। भारतीय संस्कृति में वनों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। यहाँ की अनेक जनजातियाँ वनों को पवित्र मानकर उसकी पूजा करते हैं। वन ऋषि मुनियों की तपोभूमि भी रही हैं। हमारे धर्मग्रन्थों में भी वन को देवता तुल्य मानकर उनकी पूजा करने की परम्परा का उल्लेख है। 

आज भी हमारे समाज में कुछ लोग कुछ विशेष पेड़ों की पूजा करते हैं और आदिकाल से उनकी रक्षा करते आ रहे हैं। छोटानागपुर में मुण्डा एवं संथाल जनजातियाँ महुआ एवं कदंब के पेड़ों की पूजा करते हैं। बिहार और उड़ीसा की जनजातियाँ विवाह के दौरान इमली और आम के पेड़ की पूजा करते हैं। हममें से बहुत लोग पीपल, वटवृक्ष, तुलसी, नीम इत्यादि को भी पवित्र मानकर उसकी पूजा करते हैं तथा उसकी रक्षा करते हैं।

भारतीय संस्कृति में आमतौर पर झरनों, पहाड़ों, पेड़ों एवं पशुओं को पवित्र मानकर उनका संरक्षण किया जाता है। बहुत से मंदिरों के आसपास बन्दर एवं लंगूरों को लोग खिलाते -पिलाते हैं और उन्हें मंदिर के भक्तों में गिनते हैं। राजस्थान में विश्नोई खेजड़ी वृक्ष तथा काले हिरण की रक्षा करते हैं। उनके गाँवों के आसपास काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय एवं मोरों के झुण्ड पड़ना आम बात है जो वहाँ के समुदाय के अभिन्न अंग हैं उन्हें कोई नुकसान दिखाई नहीं पहुँचाता है। 

2 वन्य जीवों के संरक्षण के लिए तत्काल उपाय करना क्यों आवश्यक है?

उत्तर- विभिन्न जीव-जन्तुओं के संरक्षण की आवश्यकता- (क) सर्वप्रथम हमारी प्राकृतिक सम्पदा विशेषकर जीव-जन्तु प्रकृति के को चार चाँद लगा देते हैं और धरती को स्वर्ग का रूप दे देते हैं। (ख) विभिन्न प्रकार के पक्षी-पशु इतनी मधुर ध्वनियाँ निकालते है कि बहुत से कवि और चित्रकार मुग्ध होकर रह जाते हैं और कमाल की रचनाओं का सृजन कर डालते है।

(ग) भारत की प्राकृतिक सम्पदा और वन्य प्राणियों को देखने के लिए हर वर्ष अनेक दर्शकगण भारत आते रहते हैं. इस प्रकार अनजाने में भारत को बहुत सी विदेशी मुद्रा प्राप्त हो जाती है। (घ) विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु परिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में बड़े सहायक सिद्ध होते हैं।

(ङ) यदि प्राकृतिक सम्पदा, विशेषकर विभिन्न जीव-जन्तुओं के संरक्षण की अवहेलना कर दी गई तो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत से पशुओं और पक्षियों की प्रजातियाँ भी लुप्त हो जायेंगी और वे बेचारे उनके दर्शन से वंचित रह जायेंगे।

(च) यदि विभिन्न जीव-जन्तुओं के संरक्षण का ध्यान न रखा जायेगा तो गैंडा, बाघ, कस्तूरी-हिरण तथा सोहन चिड़िया जैसे अमूल्य जीव-जन्तु शिकारियों की बन्दूक का निशाना बनकर रह जायेंगे। 

3 भारत में विभिन्न समुदायों ने किस प्रकार वनों और वन्य जीव संरक्षण और रक्षण में योगदान किया है ? विस्तारपूर्वक विवेचन करें। 

उत्तर- इसमें कोई संदेह नहीं कि दोनों केन्द्रीय और राज्य सरकारें वनों और वन्य जीव के संरक्षण के लिए प्रयत्नशील हैं, परन्तु इस दिशा में जो कार्य विभिन्न समुदायों ने किया वह भी प्रशंसा योग्य है-

(क) राजस्थान में अनेक गाँवों के लोगों ने वन्य जीव रक्षण नियम का सहारा लेकर सरिस्का बाघ रिजर्व में होने वाले खनन कार्य का डटकर विरोध किया और काफी सफलता पाई। 

(ख) इसी प्रकार हिमालय के बहुत से क्षेत्रों में लोगों ने चिपको आन्दोलन द्वारा वृक्षों के काटने के सभी प्रयत्नों को असफल बना दिया।

(ग) राजस्थान के अलवर जिले के पाँच गाँवों के लोगों ने तो 1200 हेक्टेयर वन भूमि को भैरोदेव डाकव सोंचुरी घोषित करके वहाँ अपने ही नियम बनाकर शिकार करना वर्जित कर दिया और बाहरी लोगों की घुसपैठ से वे वन्य जीवन को बचाते हैं। 

(घ) हमारे देश के लोग सदियों से ही प्रकृति के पुजारी रहे हैं। इसलिए इन्होंने अनेक वनों को देवी-देवताओं के वन कहकर उन्हें बाहरी छेड़छाड़ से बचाए रखा।

(ङ) आज भी भारत के अनेक समुदाय हैं जो पीपल और वटवृक्षों को पवित्र मानते हैं। छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जातियाँ महुआ और कदंब के पेड़ों की पूजा करते हैं। उड़ीसा और बिहार की जनजातियाँ इमली और आम के पेड़ों की पूजा करते हैं। इसी तरह और भी बहुत से जातियाँ अपने पूज्य पेड़ों को आसानी से काटने नहीं देती।

(च) इसी प्रकार बहुत से लोग अपने पशु-पक्षियों को देवी-देवताओं के वाहन और प्रतीक मानकर उनकी रक्षा करते हैं। ऐसे पशु-पक्षियों में बन्दर, लंगूर, शेर, गरुड़, मोर आदि विशेषकर उल्लेखनीय हैं और कोई इनको नुकसान नहीं पहुँचाता।

4.प्रशासनिक उद्देश्य के आधार पर वनों का वर्गीकरण कितने प्रकार से किया गया है ? प्रत्येक का वर्णन करें।

उत्तर- मानव जीवन में वनों का बड़ा ही महत्व है। वन उत्पादन और संरक्षण के दो महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं। वनों में रहने वाले जीव-जंतुओं को आश्रय प्रदान करते

हैं। प्रशासनिक उद्देश्य के आधार पर वनों को तीन भागों में वर्गीकृत किया है-

(क) आरक्षित वन, (ख) संरक्षित वन और (ग) अवर्गीकृत वन

(क) आरक्षित वन वे वन जो हमेशा ईमारती लकड़ी एवं अन्य उत्पाद उत्पादन करने के लिए सम्पर्तित होते हैं, वे आरक्षित वन कहलाते हैं। इन वनों में कभी-कभी पशुओं को चराने एवं कृषि करने की भी अनुमति है। आरक्षित वन अधिक-से-अधिक पशुओं को आश्रय प्रदान करते हैं। भारत के कुल भूमि के 54.4% भाग पर आरक्षित वन पाए जाते हैं। 

(ख) संरक्षित वन संरक्षित वन में इस बात पर विशेष जोर दिया जाता है कि उन जीव और जंतुओं को अधिक-से-अधिक आश्रय प्रदान किया ह जिनकी संख्या दिन-प्रतिदिन समाप्त होती जा रही है। इन जीव-जं देखभाल के लिए और इनके शिकार पर रोकथाम के लिए वन द्वारा क कर्मचारी रखे गये हैं। हमारी कुल भूमि के 29.2% भाग पर संरक्षित कर पाए जाते हैं। 

(ग) अवर्गीकृत वन वे वन जो बहुत ही अगम्य है या खाली पड़े हैं अवर्गीकृत वन कहते हैं। हमारी कुल भूमि के 16.4% भाग पर वन पाए जाते हैं।

कक्षा 10 भूगोल समाधान | class 10 geography solutions

https://class10.co.in/

FAQs

Q. एक सींग वाला गैंडा भारत में कहाँ मिलता है ? इसके लिए कैसी भूमि व जलवायु अनुकूल है ? 

उत्तर-असम तथा पश्चिमी बंगाल के ऊष्ण व आर्द्र दलदली क्षेत्रों में असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडे का प्राकृतिक आवास है।

Q. एशियाई सिंह का प्राकृतिक आवास कहाँ है ? यह किस राज्य में स्थित है ?

उत्तर- गिर राष्ट्रीय उद्यान गुजरात राज्य के सौराष्ट्र संभाग में।

Q. विस्तारपूर्वक बताएँ कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजगत और प्राणीजगत के हास के कारक हैं।

उत्तर- वन्य जीवों के क्रीडा स्थलों को नष्ट करना, शिकार, चोरी-छिपे वन्य प्राणियों को संरक्षित स्थलों में मारना, अतिशोषण, वातावरण प्रदूषण, पशुओं को जहर देना, जंगलों में आग लगाना आदि कुछ ऐसे तत्व हैं, जिनसे प्राणी विविधता को हानि पहुँचती है। जनसंख्या में बढोत्तरी भी एक महत्त्वपूर्ण कारण है, जिससे संसाधनों का अति दोहन होता है।

Ncert Class 10 Geography Chapter 2 Question Answer in Hindi | अध्याय 2 वन और वन्यजीव संसाधन

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