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Ncert Class 10 History Chapter 4 Question Answer in Hindi | कक्षा 10वीं अध्याय 4 वैश्विक दुनिया का निर्माण प्रश्न उत्तर
कक्षा | Class | 10th |
अध्याय | Chapter | 04 |
अध्याय का नाम | Chapter Name | वैश्विक दुनिया का निर्माण |
बोर्ड | Board | सभी हिंदी बोर्ड |
किताब | Book | एनसीईआरटी | NCERT |
विषय | Subject | इतिहास | History |
मध्यम | Medium | हिंदी | HINDI |
अध्ययन सामग्री | Study Materials | प्रश्न उत्तर | Question answer |
अति लघु उत्तरीय प्रश्न | Very short answer type question
1 वैश्वीकरण क्या है ?
उत्तर- साधारण भाषा में वैश्वीकरण का अर्थ है अपनी अर्थ व्यवस्था और विश्व अर्थ-व्यवस्था में सामंजस्य स्थापित करना। इसके अन्तर्गत अनेक विदेशी उत्पादक अपना माल और सेवाएँ बेच सकते हैं और इसी प्रकार हम अपने देश में निर्मित माल और सेवाओं को दूसरे देशों में बेच सकते हैं। इस प्रकार वैश्वीकरण के कारण विश्व के विभिन्न देश अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पारस्परिक रूप में एक-दूसरे पर निर्भर हो जाते हैं।
2 समूह 77 (G-77) से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-पचास और साठ के दशक में विकासशील देशों को पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाओं की तेज प्रगति से कोई लाभ नहीं हुआ इसलिए उन्होंने अपना एक नया समूह बना लिया जो समूह 77 (G-77) के नाम से प्रसिद्ध है। ‘
3.गिरमिटिया मजदूर का क्या अर्थ है ?
उत्तर- गिरमिटिया मजदूर एक तरह के कछुआ मजदूर होते हैं, जो एक समझौते द्वारा मालिक रखता है। जिसका एक निश्चित समय के लिए होता है तथा एक नए देश में काम के लिए लागू होता है।
4 वीटो का क्या अर्थ है ?
उत्तर- वीटो निषेधाधिकार इस अधिकार के सहारे एक ही सदस्य की असहमति किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने का आधार बन जाती है।
5 रिडरपेस्ट से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- पशुओं में प्लेग की बीमारी को रिंडरपेस्ट कहते हैं जिससे 1890 के दशक में हजारों में अफ्रीका के पशु मर गए जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका और अर्थव्यवस्था पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ा।
6.वर्माज़ टुडे सोशल साइंस – एक्स वैश्वीकरण के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी थे ?
उत्तर- (क) व्यापार,
(ख) काम की तलाश में एक देश से दूसरे देशों में लोगों का पलायन, (ग) पूँजी या बहुत सारी चीजों की वैश्विक आवाजाही हो।
7.जैविक युद्ध का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- यूरोपीय सेना जब अमेरिका पहुंची अपने साथ चेचक के कीटाणुओं को भी लाई। इसी चेचक की बीमारी ने यूरोपीयों की सफलता का मार्ग प्रशस्त कर दिया क्योंकि अमेरिकी इस रोग के प्रभाव और निदान से अनभिज्ञ थे। परिणामस्वरूप जो कार्य सेना को करना था, चेचक की बीमारी ने कर दिया। भारी संख्या में अमेरिकी इस बीमारी से मारे गए। इसे ही जैविक युद्ध का नाम दिया गया।
8 औपनिवेशीकरण के कारण कौन-से परिवर्तन आए ?
उत्तर- (क) औपनिवेशीकरण के कारण यातायात और परिवहन के साधनों में बहुत सुधार हुए, जिससे सामान के दूर-दूर तक ले जाने में काफी आसानी हो गई।
(ख) उपनिवेशी देशों ने अपने अधीन बस्तियों में खुले दिल से पूँजी निवेश करना शुरू कर दिया क्योंकि उन्हें अब अपनी पूँजी के तेजी से बढ़ने के अवसर साफ दिखने लगे थे।
Q9.19वीं सदी के उत्तरार्द्ध में यूरोपियन लोग अफ्रीका की ओर क्यों आकर्षित हुए ?
उत्तर-19 वीं सदी के अंतिम दशक में यूरोपियन लोग अफ्रीका की ओर आकर्षित हुए। क्योंकि यहाँ पर बड़े पैमाने पर प्राकृतिक स्रोत थे, जिनमें भूमि तथा खनिज प्रमुख थे। यूरोपियन लोग इस आशा से वहाँ पहुँचे थे कि वे सुचारु रूप से बागवानी करेंगे तथा खानों से खनिज निकाल कर यूरोप भेजेंगे, परंतु वहाँ पर एक ऐसी समस्या थी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी, वह थी मजदूरो की कमी। कोई भी पैसा लेकर काम करने को तैयार नहीं होता था।
class 10th Notes | MCQ |
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History | Political Science |
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10 आयात शुल्क क्या है ?
उत्तर-आयात शुल्क— किसी दूसरे देश से आने वाली चीजों पर वसूल किया जाने वाला शुल्क। यह कर या शुल्क उस जगह लिया जाता है जहाँ से वह चीज देश में आती है, यानी सीमा पर, बंदरगाह पर या हवाई अड्डे पर ।
11 भारतीय गिरमिटिया मजदूरों का अंतिम पड़ाव कहाँ था ?
उत्तर-भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के पहुँचने का मुख्य स्थान था- कॅरिबियन द्वीप समूह (मुख्यतः ट्रिनीडाड, गुयाना तथा सूरीनाम) मारीशस और फिजी समीपवर्ती स्थल थे। तमिल मजदूर सिलोन, मलाया जाते थे गिरमिटिया मजदूर असम के चाय बगानों के लिए भी भर्ती किए जाते थे।
12 होसे किसे कहते हैं ?
उत्तर-दक्षिणी अमेरिका के एक देश ट्रिनिडाड में मनाए जानेवाले गुरु के मेले को (इमाम हुसैन के नाम पर) होसे कहते हैं।
13 भारत में अनुबन्धित श्रमिक दूसरे देशों में जाने के लिए क्यों तैयार हो गए?
उत्तर- (क) भारत में कुटीर उद्योग ठप्प पड़ गए और इनमें लगे लोग बेरोजगार हो गए और कर्ज में दब गए।
(ख) भूमि कर की दर इतनी बढ़ गई कि किसान उन्हें दे पाने में असमर्थ हो गए।
(ग) उनकी भूमियों को खनिजों की खुदाई करने या बागानों का निर्माण करने के लिए किसी-न-किसी बहाने उनसे छीन लिया गया।
14 एन० आई० ई० ओ० (N. I. E. O.) से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- इसका अर्थ है न्यू इंटरनेशनल इकानामिक आर्डर जिसका आशय यह है कि विकासशील देशों को इस नई व्यवस्था में अपने साधनों पर सही अर्थों में नियन्त्रण मिल सके।
15 युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर- (क) औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता को बनाए रखा जाए।
(ख) पूर्ण रोजगार के साधनों का विकास किया जाए।
लघु उत्तरीय प्रश्न | Short answer type question
1 सत्रहवीं सदी से पहले होने वाले आदान-प्रदान के दो उदाहरण दें। एक उदाहरण एशिया से और एक उदाहरण अमेरिका महाद्वीपों के बारे में चुनें।
उत्तर- 17 वीं शताब्दी से पहले के वैश्विक आदान-प्रदान का एक लाभकारी उदाहरण- 17 वीं शताब्दी से पहले के काल में जो यात्री, व्यापारी, पुजारी और तीर्थयात्री आपसी मेल-मिलाप के अग्रदूत बनकर एक देश से दूसरे देश गए, विशेषकर एशिया से दूसरे देशों की ओर गए वे अपने साथ अनेक चीजों, पैसे, मूल्य-मान्यताओं
विचारों अनेक प्रकार की कलाओं को भी ले गए और उन्होंने दूसरे लोगों के जीवन को सुखमय बना दिया। ऐसे प्रायः एशिया के भारत और चीन जैसे देशों द्वारा ही हुआ। 17 वीं शताब्दी से पहले वैश्विक आदान-प्रदान का एक विनाशकारी उदाहरण- 17 वीं शताब्दी से पूर्व के वैश्विक आदान-प्रदान कई बार नए लोगों के लिए विनाश का कारण भी बन गए। जैसे- पुर्तगाल और स्पेन से जब लोग अमेरिका पहुँचे तो वे अपने साथ अनेक बीमारियाँ विशेषकर चेचक के कीटाणु भी ले गए जिन्होंने अमेरिका के मूल निवासियों के अनेक कबीलों का सफाया ही कर दिया ।
2.बताएँ कि पूर्व आधुनिक विश्व में बीमारियों के वैश्विक प्रसार ने अमेरीकी भूभागों के उपनिवेशीकरण में किस प्रकार मदद दी ?
उत्तर- (क) यूरोप के कुछ उपनिवेशवादी देश अपने साथ संक्रामक बीमारियों के कीटाणु लेकर आए।
(ख) अमेरिका जो लाखों वर्षों से अलग-थलग रहा था। अतः उनके शरीर में यूरोप से आने वाली बीमारियों से बचने की रोग प्रतिरोधी क्षमता नहीं थी
(ग) सोलहवीं सदी के मध्य में स्पैनिश विजेताओं के सर्वाधिक प्रबल हथियारों में परमाणु युक्त किस्म का सैनिक हथियार कोई नहीं था। वह हथियार चेचक जैसे कीटाणु थे जो स्पैनिश सैनिकों तथा अधिकारीगणों के साथ वहाँ पहुँचे थे।
(घ) अतः अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना के समय स्पेन के सैनिकों का दमन चक्र चल रहा था। इसी समय महामारी की विनाश लीला ने नया मोर्चा खोल दिया। अमेरिका के स्थानीय लोग यह मानते थे कि चेचक स्पेनियों द्वारा चलाई गई अदृश्य गोलियाँ थीं।
(ङ) इसके बाद बिना किसी चुनौती के दो बड़े साम्राज्यों को जीतकर अमेरिका में उपनिवेशों की स्थापना हुई।
3 कार्न लॉ के समाप्त करने के बारे में ब्रिटिश सरकार के फैसले के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर- ब्रिटिश पार्लियामेंट ने 19 वीं शताब्दी में जो कानून अपने भूस्वामियों के हितों की रक्षा के लिए पास किए उन्हें कार्न लॉ कहा जाता है। इन कानूनों के द्वारा विदेशों से खाद्य-पदार्थों के आयात पर पाबन्दी लगा दी गई। इस पाबन्दी के परिणामस्वरूप जब ब्रिटेन में खाद्य पदार्थों के मूल्य बढ़ने लगे तो लोगों में हाहाकार मच गई और विवश होकर सरकार को ये कानून हटाने पड़े। इन कानून के हटाने के बहुत महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़े-
(क) खाद्य-सामग्री सस्ती हो गई जिससे साधारण और गरीब जनता को खूब लाभ रहा।
(ख) जब बाहर से खाद्य पदार्थ सस्ते दामों में इंग्लैंड आने लगे तो वहाँ के भूस्वामी बर्बाद हो गए।
(ग) बहुत-सी भूमि ऊसर हो गई और खेती करने वाले बहुत से किसान बेरोजगार हो गए।
(घ) ऐसे बहुत से ग्रामीण लोग नौकरी की तलाश में शहरों की ओर भागने लगे। जिससे शहरों की हालत भी खराब हो गई।
4 अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना’ के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें-
उत्तर – अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना- रिडरपेस्ट पशुओं में फैलने वाली एक खतरनाक बीमारी है जो 1890 के दशक में अफ्रीका में प्लेग की तरह फैली। अफ्रीका में यह बीमारी उन पशुओं के कारण फैली जो अफ्रीका में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए लड़ रहे भारतीय सिपाहियों के भोजन के लिए अनेक पूर्वी देशों से मंगवाए गए। जैसे ही ये पशु पूर्वी अफ्रीका पहुँचे इन्होंने वहाँ के पशुओं की भी रिंडरपेस्ट की बीमारी में लपेट लिया। 1892 से शुरू होकर अगले पाँच वर्षों में पशुओं को यह घातक बीमारी दक्षिणी और पश्चिमी अफ्रीका की सीमाओं तक फैल गई। इस बीमारी के बड़े दूरगामी प्रभाव पड़े-
(क) इस बीमारी के कारण अफ्रीका के कोई 90% पशु मौत के शिकार हुए।
(ख) इस बीमारी से अफ्रीका के लोगों की आजीविका और अर्थव्यवस्था पर बड़ा गहरा असर पड़ा।
(ग) बिल्कुल बर्बाद और बेसहारा होने के कारण अफ्रीका के लोगों को विदेशी साम्राज्यवादियों के पास मजदूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यदि उनके पास अपने पशु होते तो वे कभी भी यह काम करने को तैयार न होते।
(घ) अफ्रीका के लोगों के इस विनाश और उनके साधनों के बर्बाद हो जाने के कारण यूरोपीय उपनिवेशवादियों को अफ्रीका को जीतना और अपने अधीन करना काफी आसान हो गया।
5 बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने के फैसले के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर- बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उन कंपनियों को कहते हैं जो विश्व के विभिन्न देशों में जाकर अपनी पूँजी निवेश करती है, वहाँ अपना उत्पादन करती है और तैयार माल को विश्व के बाजारों में बेचती है। 1970 के दशक में इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना रुख एशिया के देशों की ओर किया, जिसके अनेक महत्त्वपूर्ण परिणाम निकले-
(क) एशियाई देशों में नौकरी के अवसरों में काफी वृद्धि हुई और इस प्रकार बेरोजगारी के मसलों को हल करने में काफी आसानी रही।
(ख) इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने विकासशील देशों को उनके पुराने उपनिवेशी देशों के चंगुल से निकलने में काफी सहयोग दिया।
(ग) इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपनी उत्पादक और व्यापारिक गतिविधियों के कारण वैश्विक व्यापार और पूँजी प्रवाहों को भी काफी प्रभावित किया।
(घ) इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को गति प्रदान की ।
6. युद्ध “विश्वयुद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौतें।” के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर-इस युद्ध ने मौत और विनाश की जैसी विभिषिका रची उसकी औद्योगिक युग में 90 लाख से ज्यादा लोग मारे गए और 2 करोड़ घायल हुए। मृतकों और घायलों में से ज्यादातर कामकाजी उम्र के लोग थे। इस महाविनाश | के कारण यूरोप में कामकाज के लायक लोगों की संख्या बहुत कम रह गई। परिवार के सदस्य घट जाने से युद्ध के बाद परिवारों की आय भी गिर गई।
7 भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखें-
उत्तर- भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव-
(क) इस महामंदी (1929-1934) के काल में भारत के आयात और निर्यात व्यापार में कोई 50% की कमी आ गई।
(ख) इस महामंदी का बंगाल के पटसन पैदा करने वाले लोगों पर विशेष से बड़ा विनाशकारी प्रभाव पड़ा। पटसन के मूल्यों में कोई 60% गिराव आ गई जिससे बंगाल के पटसन उत्पादक बर्बाद हो गए और वे कर्ज के
बोझ तले दब गए।
(ग) छोटे-छोटे किसान भी इस बर्बादी से न बच सके। उनकी आर्थिक दशा खराब होती जा रही थी। सरकार ने उनके भूमि कर तथा अन्य करों में कोई कमी न की ।
(घ) 1930 में शुरू होने वाले सिविल अवज्ञा आंदोलन इस आर्थिक मंदी का सीधा परिणाम था क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र अशान्ति का क्षेत्र बन चुके थे।
8 खाद्य उपलब्धता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदाहरण दें।
उत्तर- तकनीक या विभिन्न प्रकार के आविष्कारों, जैसे- रेलवे, भाप के जहाजों, • टेलिग्राफ और रेफ्रिजरेटर युक्त जहाजों का खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर गहरा प्रभाव पड़ा ।
(क) यातायात के विभिन्न साधनों जैसे- तेज चलने वाली रेलगाड़ियों, हल्की बग्घियों, बड़े आकार के जलपोतों द्वारा अब खाद्य-पदार्थों को दूर-दूर के बाजारों में कम लागत पर और आसानी से पहुँचाना आसान हो गया।
(ख) रेफ्रिजरेटर की तकनीक युक्त जहाजों के कारण अब जल्दी खराब होने वाली चीजों मांस, फल आदि को भी लम्बी यात्राओं में लाया ले जाया जा सकता था।
9.संक्षेप में बताएँ कि दो महायुद्धों के बीच जो आर्थिक परिस्थितियाँ पैदा हुई उनसे अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं ने क्या सबक सीखा ?
उत्तर- (क) अंतर-युद्ध के आर्थिक अनुभव बहुत खराब थे। अधिकतर देश बर्बाद हो गये। थे और बहुत से शहर नष्ट हो गये थे।
(ख) अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं ने सबक सीखा कि उन्हें औद्योगिक देशो की आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करना होगा।
(ग) साथ ही उनमें सारे संसार की परस्पर आर्थिक निर्भरता की समझ भी उत्पन्न हुई।
10 ब्रेटन वुड्स समझौते का क्या अर्थ है ? अथवा, युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को ब्रेटन वुड्स व्यवस्था भी कहा जाता है। क्यों ?
उत्तर – युद्धोतर काल में अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के पुनर्निर्माण तथा विकास के लिए 1944 ई० में अमेरिका में ब्रेटन वुड्स समझौता हुआ। इस समझौते में संयुक्त राष्ट्र संघ की दो संस्थाओं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की स्थापना हुई। – उन दोनों संस्थाओं ने 1947 ई० में अपना काम करना शुरू कर दिया जो ये आज तक बड़ी बेखूबी से कर रही है।
अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था ने राष्ट्रीय मुदाओं और मौदिक व्यवस्थाओं को एक-दूसरे से जोड़ने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। इस सारी प्रक्रिया से पश्चिमी औद्योगिक देशों और जापान को विशेष रूप से लाभ रहा है और उनके व्यापार और आय में काफी वृद्धि हुई है। इससे तकनीक और उद्यम का विश्व व्यापी विस्तार हुआ। इसी युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को ब्रेटन वुड्स व्यवस्था कहा गया है। ब्रेटन वुड्स व्यवस्था निश्चित विनिमय दरों पर आधारित होती थी।
11.सोलहवीं सदी में दुनिया ‘सिकुड़ने लगी थी, इसका क्या मतलब है, व्याख्या करें।
उत्तर- (क) संसार के विभिन्न महाद्वीपों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों में वृद्धि ।
(ख) सोलहवीं सदी से पहले तक विभिन्न महाद्वीपों के लोगों के बीच अंतर्संबंध, व्यापार और व्यवसाय का अभाव था ।
(ग) लेकिन सोलहवीं सदी में संसार के महाद्वीपों के बीच व्यापार, व्यवसाय, सांस्कृतिक विचारों का आदान-प्रदान और लोगों की आवाजाही बढ़ी जो अमेरिका से एशिया होकर यूरोप और अफ्रीका तक पहुँची।
12 अफ्रीका में स्थानीय निवासियों को काम पर लगाए रखने के लिए यूरोपीयों द्वारा कौन-कौन उपाय किए गए ?
उत्तर-अफ्रीका में स्थानीय निवासियों को काम पर लगाए रखने के लिए यूरोपीयों द्वारा निम्नांकित उपाय किए गए-
(क) लोगों पर भारी कर लगाए गए, जिनका भुगतान तभी संभव था, जब वे बागानों अथवा खदानों में नियमित रूप से वेतन पर कार्य कर रहे हों।
(ख) उत्तराधिकार कानून में परिवर्तन किया गया जिसके अनुसार परिवार के केवल एक ही सदस्य को पैतृक संपत्ति मिलना निश्चित हुआ। इससे परिवार के शेष सदस्यों को श्रम बाजार में लाने में सहायता मिली। (ग) खान कर्मियों को बाड़ों में बंद कर दिया गया तथा उनके घूमने-फिरने पर पाबंदी लगा दी गई।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | Long answer type question
1 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमयों में तीन तरह की गतियों या प्रवाहों की व्याख्या करें। तीनों प्रकार की गतियों का भारत और भारतीयों से संबंधित एक-एक उदाहरण दें और उनके बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर- अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमयों में तीन तरह की गतियाँ या प्रवाह अर्थशास्त्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में 19 वीं शताब्दी में तीन प्रकार की गतियों याप्रवाहों का वर्णन किया है-
(क) इसमें पहला प्रवाह व्यापार का होता है जो 19 वीं शताब्दी में वस्तुओं (कपड़ा और गेहूँ आदि) के व्यापार तक ही सीमित था ।
(ख) दूसरा प्रवाह श्रम का होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के लोग काम या रोजगार की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।
(ग) तीसरा प्रवाह पूँजी का होता है जिसे थोड़े या लम्बे समय के लिए दूर स्थित इलाकों में निवेश कर दिया जाता है। भारत से तीन प्रवाहों के उदाहरण- भारत में प्राचीन काल से ही ये तीनों प्रकार के प्रवाह देखने को मिलते हैं-
(क) प्राचीन काल से ही भारतीयों ने आस-पास और दूर-दराज के देशों से व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित कर रखे थे। आज से 5,000 वर्ष पहले सिन्धु घाटी के लोगों के मैसोपोटामिया और क्रीट जैसे देशों के साथ गहरे व्यापारिक सम्बन्ध थे।
(ख) 19 वीं शताब्दी में बहुत से भारतीय कारीगर और मजदूर अनेक देशों में बागान, खानों, सडक निर्माण और रेल निर्माण का काम करने के लिए गए।
(ग) ब्रिटिश काल में बहुत से यूरोपीय व्यापारियों और उद्योगपतियों ने भारत में धन का निवेश किया और अनेक प्रकार के यहाँ कारखानों, रेलों आदि का निर्माण किया और यहाँ चाय आदि के अनेक बागान स्थापित किए।
2 महामंदी के कारणों की व्याख्या करें।
उत्तर-1929 ई० में समस्त संसार को एक भयंकर आर्थिक संकट ने आ घेरा। ऐस आर्थिक संकट पहले कभी देखने में नहीं आया था। यह संकट संयुक्त राज अमेरिका में 1929 ई० में पैदा हुआ और देखते ही देखते यह 1931 ई० तक रूत को छोड़कर विश्व के अनेक देशों में फैल गया। आर्थिक संकट (1929) के लिए उत्तरदायी कारण और कारक- (क) यह संकट औद्योगिक क्रांति के कारण चीजों की आवश्यकता से अधि उत्पादन के कारण पैदा हुआ। 1930 ई० में अमेरिका में तैयार माल इतने भण्डार हो गए कि उनका कोई खरीददार न रहा।
(ख) प्रथम विश्वयुद्ध के कारण यूरोप के देश इतने बर्बाद हो गए थे कि अमेरिका से माल आयात करने की अवस्था में न थे।
(ग) जब तैयार माल का कोई खरीददार न रहा तो वहाँ कारखाने बन्द हो और हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए।
कक्षा 10 इतिहास समाधान | class 10 history solution
FAQs
1 विनिमय दर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-विनिमय दर किसी देश की मुद्रा को जोड़ना जिससे कि इसका प्रयोग दूसरे देश के साथ व्यापार में किया जा सके। मुख्यतः दो विनिमय दर हैं- स्थिर विनिमय दर और तैरती (अस्थिर) विनिमय दर ।
2 नहर बस्तियाँ किन्हें कहा जाता है ? इन्हें क्यों और कहाँ स्थापित किया गया ?
उत्तर- पंजाब की अर्ध-रेगिस्तानी परती जमीनों को उपजाऊ बनाने के लिए यहाँ नहरों का जाल-सा बिछा दिया गया। देखते ही देखते बंजर भूमियाँ नहरी बस्तियों में बदल गई जहाँ गेहूँ और कपास आदि फसलों की खूब खेती होने लगी।
3.1929 की महामंदी का बंगाल के पटसन पैदा करने वाले लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर- 1929 की महामन्दी के कारण बंगाल के पटसन पैदा करने वाले लोग बिल्कुल तबाह हो गए। पटसन की कीमतों में कोई 60% की गिरावट आ गई जिसके परिणामस्वरूप वे कर्ज में दबते चले गए।
4.असेम्बली लाइन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – जब एक मशीन के अलग-अलग कलपुर्जे अलग-अलग स्थानों पर बनाए जाते हैं और बाद में उन्हें एक स्थान पर इकट्ठा करके उन्हें एक पूरी मशीन का रूप दिया जाता है तो ऐसे ढंग को असेम्बली लाइन कहा जाता है।